उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल चिंतपूर्णी में वीआइपी दर्शन के इच्छुक श्रद्धालुओं को जेब ढीली करनी पड़ेगी। सुगम दर्शन प्रणावी के तहत 1100 रुपये का शुल्क चुकाने पर पास मिलेगा, जिस पर पांच श्रद्धालु बिना कतार में लगे दर्शन कर सकेंगे। ऐसी व्यवस्था करने वाला चिंतपूर्णी प्रदेश का पहला मंदिर है। मंदिर में वीआइपी दर्शन से अव्यवस्था रहने पर यह कदम उठाया गया है।
1100 रुपए देकर पास लेना पड़ेगा
मंगलवार से शुरू की व्यवस्था से मंदिर प्रशासन को आय बढ़ेगी। चिंतपूर्णी में मंदिर सह आयुक्त विवेक महाजन ने पत्रकारों को बताया कि वीआइपी दर्शन को चार श्रेणियों में विभाजित किया है। उन श्रद्धालुओं को 1100 रुपये देकर पास लेना पड़ेगा, जिन्हें बिना प्रतीक्षा मां के दर्शन करने हैं। श्रेणी में छोटे बच्चों की संख्या शामिल होगी या नहीं, इस पर मंदिर न्यास निर्णय लेगा।
दूसरी श्रेणी में 65 वर्ष या अधिक आयु के श्रद्धालु होंगे, जिनका प्रवेश निशुल्क होगा। सह यात्री को 50 रुपये देने होंगे। तीसरी श्रेणी में दिव्यांग हैं, जिन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा। दिव्यांग के साथ आए यात्री को 50 रुपये की दर्शन पर्ची लेनी पड़ेगी।
श्रद्धालुओं के लिए बाबा माईदास सदन में बनेगा वेटिंग रूम
चौथी श्रेणी मंत्री, विधायकों, सांसदों व प्रशासन द्वारा तय वीआइपी होंगे, जिनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। वीआइपी दर्शन के लिए एक दिन में 500 पास ही बनाए जाएंगे। बाबा माईदास सदन से इलेक्ट्रिक गोल्फ कार्ट से पहुंचेंगे लिफ्ट तक एसडीएम विवेक ने बताया कि मंगलवार दोपहर से यह व्यवस्था परीक्षण के तौर पर शुरू की गई है। इन सभी श्रेणियों में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बाबा माईदास सदन में प्रतीक्षालय बनाया गया है।
मंदिर से करीब एक किलोमीटर दूर सदन में श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था होगी। जैसे ही श्रद्धालुओं के दर्शन की बारी आएगी, उन्हें मंदिर न्यास द्वारा संचालित इलेक्ट्रिक गोल्फ कार्ट में लिफ्ट तक लाया जाएगा। मां के दर्शनों के बाद इसी वाहन में श्रद्धालुओं को वापस बाबा माईदास सदन में छोड़ा जाएगा। मंदिर परिसर में हवन के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा पहले ही है।
वाआईपी दर्श के लिए करवा सकेंगे पंजीकरण
प्रसाद घर तक पहुंचाने के लिए भी ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था की जा रही है। ऐसे बनेगी वीआइपी दर्शन पर्ची वीआइपी, दिव्यांग या बुजुर्ग श्रेणी में दर्शन करने वालों को चिंतपूर्णी स्थित बाबा माईदास सदन में पंजीकरण व शुल्क जमा करवाना होगा। इसके लिए आधार कार्ड जरूरी है।
इसके बाद श्रद्धालु के मोबाइल नंबर पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आएगा, जिसे लिफ्ट के दरवाजे पर तैनात स्टाफ को दिखाकर श्रद्धालु मां के दर्शन कर पाएंगे। एसडीएम का कहना है कि जल्द ही एक साफ्टवेयर मंदिर प्रशासन द्वारा तैयार किया जा रहा है, जिससे आने वाले समय में एप की सहायता से श्रद्धालु घर बैठे ही वीआइपी दर्शन के लिए पंजीकरण करवा सकेंगे।