खराब खानपान की वजह
ज्यादा तेल युक्त भोजन के सेवन से ज्यादातर महिलाओं को पित्त की पत्थरी हो रही है। मेडिकल कॉलेज चंबा में रोजाना दर्जनों महिलाएं पित्त की पत्थरी का इलाज करवाने के लिए पहुंच रही हैं। ये महिलाएं जिले के एक उपमंडल से नहीं बल्कि पूरे जिले की हैं। ज्यादा तेल युक्त भोजन के साथ फैटी फूड (वसायुक्त भोजन) खाने से भी महिलाएं पित्त की पत्थरी से परेशान हो रही हैं। मेडिकल कॉलेज चंबा में हर माह 30 मरीजों के पित्त की पत्थरी के ऑपरेशन किए जा रहे हैं।
इसमें 90 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। खराब खानपान में चंबयाली धाम से भी पित्त की पत्थरी हो रही है। चंबयाली धाम में बनाया जाने वाला मदरा घी में ही बनाया जाता है। इसे सभी लोग पूरे शौक के साथ खाते हैं। इसके अलावा बकरे का मांस खाने वाले लोग भी पित्त की पत्थरी का शिकार हो रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों को ज्यादा तेल युक्त भोजन न खाने की सलाह देते हैं। साथ ही फैटी फूड को भी कम करने के लिए परामर्श देते हैं
पुरुषों के मुकाबले महिलाएं पित्त की पत्थरी की ज्यादा शिकार हो रही हैं। स्वास्थ्य विभाग महिलाओं को इस बीमारी से बचाने के लिए जागरूकता शिविर भी लगा रहा है, ताकि महिलाओं को तेल युक्त भोजन न करने के प्रति जागरूक किया जा सके।
मेडिकल कॉलेज में हर माह पित्त की पत्थरी के करीब 30 ऑपरेशन किए जाते हैं। ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों में 90 प्रतिशत महिलाएं होती हैं। अधिक तेल युक्त भोजन और मीट के अधिक सेवन की वजह से महिलाएं पित्त की पत्थरी का शिकार हो रही हैं। इसलिए महिलाओं को अपने खानपान में बदलाव करने की आवश्यकता है। – डॉ. अश्वनी, सर्जन मेडिकल कॉलेज चंबा।