कोल्ड व ड्राई मौसम वायरल इंफेक्शन को बढ़ा रहा है। गले के संक्रमण से परेशान लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। इन दिनों ज्यादा मरीज वायरल फीवर के अस्पताल आ रहे हैं। इसके पीछे मौसम ही वजह है। सुबह-शाम व रात को कड़ाके की ठंड पड़ रही है व दिन में तापमान बढ़ जा रहा है। इस कारण लोग सर्द गर्म होकर बीमार पड़ रहे हैं। चिकित्सक भी इन दिनों ठंड से बचाव की सलाह दे रहे हैं और गर्म पानी के साथ-साथ रात को स्टीम लेने की सलाह दे रहे हैं, ताकि गला जल्दी ठीक हो सके और परेशानी न रहे। लक्षण अधिक होने पर नजदीकी अस्पताल में चिकित्सक को दिखाना जरूरी है।
कभी ठंड व कभी गर्मी हो जाने से हो रहे बीमार
क्षेत्रीय चिकित्सालय धर्मशाला में वायरल फीवर व गले में संक्रमण के ज्यादा मरीज आ रहे हैं। इनमें बच्चे, बुजुर्ग व व्यस्क सभी शामिल हैं। दरअसल इसका कारण यह है कि इन दिनों मौसम ठंडा व खुष्क है, जिस कारण कभी गर्मी हो जा रही है तो कभी ठंड हो जा रही है और इसी वजह से बीमार हो रहे हैं।
कमजो प्रतिरोधी क्षमता के कारण बुजुर्ग व बच्चे ज्यादा चपेट में
क्षेत्रीय चिकित्सालय धर्मशाला वरिष्ठ उपचिकित्सा अधीक्षक डा. अजय दत्ता ने बताया ठंड से बचाव करना चाहिए। गर्म पानी का सेवन करने के साथ-साथ रात को सोने से पहले स्टीम लेनी चाहिए। यह वायरल व गले के संक्रमण के लिए बहुत अच्छा उपचार है। हालांकि ज्यादा बुखार हो या लक्षण आने पर नजदीकी अस्पताल से उपचार लेना चाहिए। डा. दत्ता ने बताया कि वायरल बुखार का अर्थ है वायरल संक्रमण की प्रचुरता, जो शरीर का सामान्य तापमान बढ़ा देता है। कमज़ोर प्रतिरोधी क्षमता की वजह से यह बच्चों और बुजुर्गों की आम बीमारी है। वायरल बुखार के मरीज शरीर में दाने, बदन दर्द और सिर दर्द जैसी परेशानियों से पीड़ित रहते हैं।
ह्रदयरोगी इस मौसम में रखें विशेष ध्यान
डा. अजय दत्ता ने बताया कि यह मौसम ह्रदय रोगियों के लिए ज्यादा एहतियात बरतने वाला है। ऐसे में ह्रदयरोगी सुबह जब भी बिस्तर से उठें तो गर्म पकड़े पहनकर बाहर आएं और शाम को भी सर्दी में ज्यादा देर तक न रहें। यह मौसम सांस की बीमारियों सहित ह्रदय रोगियों के लिए उपयुक्त नहीं है।