केंद्रीय अनुसंधान
केंद्रीय अनुसंधान संस्थान और सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी कसौली की बदोलत भारत ने 96 से अधिक देशों को कोरोना संकट काल के दौरान वैक्सीन दी है। इसी के साथ अन्य दवाएं भी भारत उपलब्ध करवा रहा है। यह वैक्सीन और दवाएं दूसरे देशों को मैत्री योजना के तहत उपलब्ध करवाई गई है। इसी के साथ भारत में 220 करोड़ से अधिक लोगों का सफलतापूर्वक टीकाकरण किया गया है। सीआरआई में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने यह जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि कोरोना संकट के दौरान बीमारी के लिए वैक्सीन तैयार करने का एक बड़ा चैलेंज था।
विकासशील देशों को भी बीमारी के हल निकालने के बारे में कोई रास्ता नहीं था। लेकिन भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने के लिए एक टीम का गठन किया। जिसमें चिकित्सक, विशेषज्ञ और वैज्ञानिकों को शामिल किया गया। इस दौरान टीम को कहा गया कि देश में वैक्सीन कहीं से नहीं आएगी। जिसके बाद सभी ने विश्वास दिलाया कि हम वैक्सीन का निर्माण किया। जिसे जांच के लिए सीडीएल को भेजा गया। जिससे भारत ने इम्यूनोबायोलॉजी में शिक्षा और प्रशिक्षण के केंद्र में एक नया आयाम स्थापित किया। गौर रहे कि भारत में कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार होने के बाद इसे जांच के लिए सीडीएल कसौली भेजा गया था। जहां पर विशेषज्ञों ने कोरोना वैक्सीन की दिनरात जांच की। इसके बाद कोरोना वैक्सीन को ग्रीन टिक दिया गया। यह लैब विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्रमाणित लैब है। जहां पर हर तरह की वैक्सीन को बाजार में उतारने से पहले जांचा जाता है। उसी के बाद वैक्सीन बाजार में आती है।