आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता पंकज पंडित ने कुल्लू बस हादसे को लेकर धर्मशाला में पत्रकार वार्ता करते हुए,सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पंकज पंडित ने कहा कि कुल्लू बस हादसे में 13 लोगों के मौत की जिम्मेदार पूरी तरह सरकार है। बस के दुर्घटनाग्रस्त होने के 3 घंटे तक घायल लोगों को राहत और बचाव की सुविधा नहीं मिली। दुर्घटना में घायल लोगों घंटों तक राहत के चीखते चिल्लाते रहे लेकिन प्रशासन नहीं पहुंचा। यदि समय पर जेसीबी पहुंच जाती और घायलों को जल्दी उपचार के लिए निकाला जाता तो लोगों की जान बच जाती। इसके लिए पूरी तरह सरकार जिम्मेदार हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और परिवहन मंत्री विक्रम ठाकुर को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। कुल्लू में 13 लोगों की मौत हुई है इसके लिए सीधे-सीधे सरकार जिम्मेदार है। सरकार की लापरवाही से 13 लोगों की जान की जान गई है। राहत व बचाव कार्य में देरी के कारण दुर्घटना से प्रभावित परिवार के सदस्यों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सामने भी रोष जताया लेकिन मुख्यमंत्री ने दोषियों पर कार्रवाई करने की बजाय एक रटा रटाया जवाब दिया कि हादसे की जांच की जाएगी, जैसा हर हादसे के समय वह देते हैं। आप प्रवक्ता ने मांग की कि राहत बचाव कार्य में देरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करे। जिससे लापरवाही करने वाले अधिकारियों को भी सबक मिले।
*परिवहन विभाग में फैले भ्रष्टाचार के कारण बिना परमिट चल रही थी बस, जवाब दें परिवहन मंत्री*
आप प्रवक्ता ने सरकार से जवाब मांगा कि वह जनता को बताए कि कैसे बिना परमिट और बिना बीमा के बस सवारियों को ढो रही थी। जब बस का रुट में चलने का परमिट ही नहीं है तो वह सवारियों को लेकर कैसे चल रही है। कुल्लू जिला के अधिकारी क्यों ध्यान नहीं दे रहे हैं। पंकज पंडित ने कहा कि परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार फैला है। अभी हाल ही में परिवहन विभाग के एमवीआई को सोलन में पांच लाख रुपए के रिश्वत के साथ पकड़ा गया है। परिवहन विभाग के अधिकारी पैसे लेकर बिना परमिट वाली बसों को चलने छूट देते हैं। जो लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करती हैं। पंकज पंडित ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि उनके अधिकारी ऐसी बसों को जब्त क्यों नहीं करते हैं।
*हिमाचल में प्रतिदिन होते हैं 8 हादसे, साल भर में हजारों लोगों की जाती है जान, सरकार को नहीं लोगों की जान की परवाह*
आप प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार को लोगों की जान की परवाह नहीं है। प्रदेश में प्रतिदिन आठ हादसे होते हैं। प्रदेश में एक साल में सड़क हादसों में एक हजार से ज्यादा लोगों की जान जाती है। हिमाचल में पिछले 5 महीने में 259 बस दुर्घटना हुई है। पिछले साल 231 के मुकाबले ज्यादा बस हादसे हुए हैं। चार स्कूल बसें हादसे का शिकार हो चुकी हैं। सड़क दुर्घटनों के लिए प्रदेश के चार जिले संवेदनशील हैं जिनमें कांगड़ा में 162,मंडी में 140, शिमला में 181, सिरमौर में 103 और ऊना में 88 सड़क हादसे अब तक हो चुके हैं। पुलिस प्रशासन और लोक निर्माण विभाग ने एक्सीडेंट प्रोन एरिया की पहचान की है लेकिन सरकार इन जगहों पर दुर्घटना रोकने के लिए कोई सुरक्षात्मक कदम नहीं उठाए हैं। जिससे आए दिन हादसे हो रहे हैं और लोगों की जान जा रही है। पिछले 5 महीने में 954 हादसों में 403 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें सबसे ज्यादा हादसे कांगड़ा जिले में हो रही है। सरकार सड़कों के किनारे पैराफीट लगाने में भी नाकाम है।
*हादसों के लिए प्रदेश की खस्ताहाल सड़कें जिम्मेदार, मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से उतरकर देखें सड़कों के हाल*
आप प्रवक्ता पंकज पंडित ने प्रदेश में हो रहे सड़क हादसों के लिए खस्ताहाल सड़कों को जिम्मेदार ठहराया है। प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर में उड़ते हैं जिससे उन्हें प्रदेश की खस्ताहाल सड़कें दिखाई नहीं देती। मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से उतरकर सड़कों में चलें तो उनको प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों का अंदाजा होगा। पंडित ने कहा कि कुल्लू में जिस सड़क पर हादसा हुआ है वह सड़क भी पूरी तरह खस्ताहाल है। जगह जगह गड्ढे हैं जिसकी वजह से ही यह दुर्घटना हुई होगी।