किरतपुर-नेरचौक फोरलेन
किरतपुर-नेरचौक फोरलेन के भूमि अधिग्रहण के इंतकाल के समय मंडी से कुल्लू तक भू-मालिकों को सूचित किए बिना ही प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अब प्रदेश सरकार के प्रधान सचिव राजस्व ने कुल्लू उपायुक्त को इस मामले की जांच कर रिपोर्ट और कार्रवाई सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए हैं। उपरोक्त आदेशों की पुष्टि संयुक्त सचिव राजस्व सरकार हिमाचल के बलवान चंद ने अपने कार्यालय के पत्र संख्या रेव.डीजी 7-1/2019-1 में की है।
प्रधान सचिव राजस्व सरकार हिमाचल प्रदेश ने फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति के शिकायत पत्र पर उचित एवं आवश्यक कार्रवाई करने के डीसी कुल्लू को आदेश दिए हैं। उपरोक्त आदेशों की एक प्रतिलिपि फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति के महासचिव को भेजकर कार्रवाई से अवगत करवाने को भी कहा है। फोरलेन समिति के महासचिव मदन लाल शर्मा ने प्रमाणों सहित शिकायत की थी कि निर्माणाधीन किरतपुर-मनाली फोरलेन भूमि अधिग्रहण में एक्ट-1954 की धारा 35(3) (7) की कथित उल्लंघन हुई है।
उन्होंने कहा कि परियोजना में हुए भूमि अधिग्रहण में जिस भूमि को संबंधित तहसीलदारों ने केंद्र सरकार के नाम दर्ज व तस्दीक किया है, उन्होंने नियमों की अनुपालना नहीं की। हितधारकों को नियमानुसार सूचित कर उसकी शिनाख्त अंगूठा/हस्ताक्षर करवाना, अगर कोई आपत्ति हो तो उसको दर्ज करने/सुनने का प्रावधान है। समिति ने राज्य सरकार से कार्रवाई के लिए निश्चित समय सीमा तय करने का आग्रह किया है। कोताही बरतने वाले इन अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है, ताकि राजस्व रिकॉर्ड तारीख मुकम्मल रखी जा सके। अगर समिति की शिकायत पर समय रहते कोई कार्रवाई नहीं हुई तो समिति उच्च न्यायालय में जाने को विवश होगी। इसमें समिति को जो भी नुकसान होगा, उसके लिए जिम्मेवार अधिकारी उत्तरदायी होंगे।