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कांगड़ा की हॉर्टीकल्चर प्रोग्रेस को एडीबी का मिला ओके, इस साल 13 नए क्लस्टर

कांगड़ा की हॉर्टीकल्चर प्रोग्रेस को एडीबी का मिला ओके, इस साल 13 नए क्लस्टर

एडीबी बोर्ड से प्रदेश के लिए अप्रूव हुआ है 1292 करोड़, सामूहिक बागबानी से लिखी जाएगी कामयाबी की इबारत

मोनिका शर्मा, धर्मशाला

हिमाचल में बागबानी को आगे ले जाने के लिए शिवा प्रोजेक्ट लंबी उड़ान भरने वाला है। हाल ही में एडीबी की टीम ने कांगड़़ा जिला दौरा किया है। इस जिला की प्रोग्रेस से टीम ने संतुष्टि जताई है। एडीबी बोर्ड से प्रदेश के लिए 1292 करोड़ अप्रूव हुआ है। उम्मीद है कि जिला का यह दौरा इस पैसे को हिमाचल लाने में अहम भूमिका अदा कर सकता है। सब ठीक रहा, तो एडीबी की फंडिंग से हिमाचल में बागबानी में क्रांतिकारी बदलावा आएगा। दूसरी ओर

साल 2023-24 के लिए इस प्रोजेक्ट के तहत कांगड़ा जिला में बागबानी विभाग 13 नए क्लस्टर विकसित करेगा। इसमें 2000 कनाल में प्लांटेशन करके बागबानों से सामूहिक फार्मिंग करवाई जाएगी, ताकि उन्हें मार्केटिंग में दिक्कत न आए। साथ ही छोटी जोत, पानी आदि की समस्याओं से निपटा जा सके।

नए क्लस्टर उन्हीं जगहों पर विकसित किए जाएंगे,जहां सिंचाई सुविधा आसानी से मिल सकती हो। बागबानी विभाग के उपनिदेशक डा कमलशील नेगी ने बताया कि हाल ही में एडीबी की टीम ने कांगड़ा जिला का दौरा किया है। जिला में बागबानी की दिशा में हो रही प्रगति से यह टीम काफी संतुष्ट रही है। गौर रहे कि एडीबी बोर्ड से 1292 करोड़ रुपए अप्रूव होने के बाद उम्मीद है कि जल्द ही हिमाचल, केंद्र और एडीबी में एमओयू साइन हो जाएगा।

कांगड़ा में पांच क्लस्टर

ढाई साल पहले शुरू हुए इस प्रोजेक्ट में प्रदेश के चार जिलों कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, बिलासपुर में 17 क्लस्टर हैं। साल 2020 में अकेले कांगड़ा जिला में पांच क्लस्टर बनाए गए थे। इनमें लीची के दो धानग और दैहण में हैं। अमरूद के दो क्लस्टर सेहल और लाहट में हैं। एक संतरे का लंबागांव में है। ये सभी साल 2020 में लगाए थे। साल 2021 में एमआईडीएच को शिवा के साथ कनवर्ज किया गया। कुल पांच क्लस्टर में 400 बेनेफिशरीज हैं।

34 फ्रंटलाइन आर्चर्ड

एमआईडीएच को शिवा में कनवर्ज करके 34 फ्रंटलाइन डैमोस्ट्रेशन आर्चर्ड भी बनाए गए हैं। ये 25-25 कनाल के हैं। साल 2021 में प्रदर्शन उद्यान भी लगाए हैं। इसमें जिला के 15 में से 7 ब्लाक शामिल किए गए हैं। इन ब्लाक में बैजनाथ, भवारना, पंचरुखी, सुलाह, लंबागांव, परागपुर व देहरा शामिल हैं। साल 2022 में सात क्लस्टर डिवेल्प हुए हैं।

एडीबी टीम का दौरा

बागबानी विभाग के उपनिदेशक डा कमलशील नेगी ने बताया कि एडीबी की टीम का दौरा काफी सफल रहा है। इसमें पांच मेंबर थे। इसे मिस सुनेकिम ने लीड किया। इन्होंने क्लस्टरों का दौरा किया। यह दौरा काफी सफल रहा है। डा नेगी ने बताया कि कांगड़ा में क्लस्टर में खेती के बड़े फायदे हैं। जिला में जोत का आकार छोटा है। ऐसे में सामूहिक खेती से जोत का आकार बड़ा बन रहा है। साथ ही पानी व मार्केटिंग की कोई समस्या नहीं आएगी।

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