धर्मशाला। हिमाचल विधानसभा में चौथी बार पहुंचे दिग्गज कांग्रेस नेता सुधीर शर्मा इस सरकार में अभी विधायक हैं। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव होने के नाते चुनावों से पहले उन्हें मंत्री पद का दावेदार माना जा रहा था। हालांकि उस समय पहले उनको देर से मिली टिकट चर्चा में रही, तो बाद में भाजपा की ओर से कड़ा मुकाबला मिला, लेकिन सियासत के मिस्टर अनप्रिडिक्टेबल माने जाने वाले सुधीर शर्मा ने करीब साढ़े तीन हजार वोट से जीत हासिल करके सभी सवालों को विराम दे दिया। चुनावों के बाद पूरे प्रदेश के नेताओं की मंत्री पद की दौड़ में चर्चा शुरू हुई, तो उनका नाम भी खूब उछला। खासकर बतौर शहरी विकास मंत्री उनके पुराने कामों की दुहाई दी गई, लेकिन इसी बीच मंत्री पदों की घोषणा में उनका नाम कहीं नहींं था। सुधीर शर्मा के समर्थकों में निराशा थी, तो कैबिनेट में नाम न होने से कई तरह के सवाल भी खड़े रहे। इसी बीच सुधीर शर्मा विदेश भी गए। पिछले 18 जनवरी को जब इंदौरा में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा हुई, तो सुधीर शर्मा ने ऐन मौके पर पहुंचकर अपनी सियासी मौजूदगी का अपनी एहसास करवा दिया।
उस रैली के बाद सुधीर शर्मा सियासी परिदृश्य में ज्यादा नहीं दिखे थे। कई विश£ेषक उन्हें इस रेस में पिछड़ा हुआ मान रहे हैं,लेकिन राजनीति के अच्छे फिनिशर की भांति अभी सुधीर शर्मा ने मैदान नहीं छोड़ा है। वह एक बार फिर सियासत के बेसिक पर काम करते दिख रहे हैं। उन्होंने अपने हलके में उस जगह से फील्ड संभाली है, जहां से उन्हें अपेक्षाकृत कम मत मिलते हैं। इससे वह कांग्रेस की प्रमुख गारंटी को साध रहे हैं।
कुल 29 करोड़ से 27 बीघा में बनने वाले आईटी पार्क से 12 हजार नौकरियां दिलाने में अहम भूमिका निभाकर वह सारी आलोचनाओं का जवाब देना चाह रहे हैं। यह प्रोजैक्ट उन्हीं के कार्यकाल में मंजूर हुआ था। दूसरी ओर अभी प्रदेश की सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार ने तीन मंत्री और बनाने हैं, क्या पता, कब बाजी पलट जाए। बहरहाल सुधीर शर्मा ने लंबे समय बाद अपने हलके में ठोस तरीके से कम बैक का प्रयास किया है।