हिमाचल सरकार
करीब चार महीने के इंतजार के बाद हिमाचल सरकार का अपना हेलिकॉप्टर आ गया है। यह अगस्ता वेस्टलैंड ग्रैंड मॉडल है। एयर चार्टर सर्विस कंपनी ने टेंडर के जरिए इसे राज्य सरकार को अगले तीन साल के लिए उपलब्ध करवाया। यह ट्विन इंजन हेलिकॉप्टर सात सीटर है। नई बात यह है कि इससे पहले यह गल्फ में किसी शेख के पास था, लेकिन मशीन नई है। रविवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू चंबा दौरे पर इसी हेलिकॉप्टर में जाएंगे।
यह हेलिकॉप्टर राज्य सरकार को 2.58 लाख प्रति घंटा के किराए पर मिला है, जो पहले लिए गए हेलिकॉप्टर से भी 82000 रुपए प्रति घंटा सस्ता है। इसके बीच में तीन महीने के लिए राज्य सरकार ने 3.40 लाख प्रति घंटा की दर पर हेलिकॉप्टर लिया था, जबकि उसकी सीटिंग क्षमता भी इतनी ही थी। ऐसे में अब सवाल यह है कि आखिर राज्य सरकार को सस्ता हेलिकॉप्टर कैसे मिल गया
वह भी उस दौर में जब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में हेलिकॉप्टर का किराया महंगा चल रहा है। दरअसल राज्य सरकार ने पिछले तीन टेंडर बार-बार रद्द किए। इसकी एकमात्र वजह किराया ज्यादा होना था। इससे पिछले टेंडर में छोटे हेलिकॉप्टरके लिए रेट तीन लाख से ज्यादा था, जबकि बड़े हेलिकॉप्टर के लिए 5.40 लाख रुपए प्रति घंटा का रेट आया था।
लगातार तीन बार टेंडर कैंसिल होने के बाद एक तरफ सामान्य प्रशासन विभाग को टेंडरिंग में होने वाले खेल का पता चल गया, वहीं दूसरी तरफ कंपनियों को भी यह संदेश गया कि राज्य सरकार ज्यादा रेट पर हेलिकॉप्टर नहीं लेगी। यही वजह है कि इस बार कंपनियों ने अपने रेट भी तोड़े। नई बात यह है
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