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विधानसभा मानसून सत्र: सदन में हंगामा, नारेबाजी करते हुए कांग्रेस विधायकों ने किया वाकआउट

विपक्ष के अन्य सदस्यों को अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने की अनुमति न मिलने पर सदन में हंगामा और नारबाजी हुई। सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी की। सदन का माहौल गरमाया रहा। मुख्यमंत्री जैसे ही चर्चा का जवाब देने उठे तो कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर गए।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र की दूसरे दिन की कार्यवाही काफी हंगामेदार रही। जयराम सरकार के इस कार्यकाल में पहली बार सदन में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। इस पर चर्चा शुरू से ही हंगामेदार रही। नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाया।

इस पर चर्चा शुरू करते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस सदन का प्रदेश मंत्रिमंडल में कोई विश्वास नहीं है। अब तक तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए गए हैं। सरकारी खर्च पर रैलियां हो रही हैं। अरबों रुपये की फिजूलखर्ची की जा रही है। जब ये सरकार जाएगी तो प्रदेश पर 85 हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज होगा। इस पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई।

अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल के हितों को बेचा जा रहा है। इन्होंने कहा था कि इनके राज में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। खून किए जा रहे हैं। महिलाओं के कत्ल, बलात्कार और छेड़छाड़ के मामले भी बढ़ गए हैं। एक महिला का शव स्लीपिंग बैग में पाया गया। आज तक पता नहीं चला कि यह किसका शव था। इस पर सदन में खूब नोकझोंक होती रही।

 

पुलिस की भर्ती इस सरकार के खिलाफ सबसे बड़ा मसला रहा है। सीबीआई को पुलिस भर्ती का मामला दिया। सीबीआई क्यों नहीं आई। दूसरी दफा जब पुलिस भर्ती का पर्चा छापा गया तो लीक नहीं हुआ। पहले वाला पर्चा लीक हो गया। पुलिस भर्ती सबसे बड़ा घोटाला है। कहते हैं कि प्रिंटिंग प्रेस के एक चपरासी ने इसे लीक किया।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री उत्साहित हैं। सरकार ने पुलिस भर्ती पर तत्काल कार्रवाई करते हुए पेपर रद्द किया और एसआईटी बनाई। इसके बाद मामला सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया। सीबीआई ने इस मामले में अभी तक न की है और न ही हां। कांग्रेस ने 2016 में पुलिस भर्ती पर उंगलियां उठाईं। तब इसे रद्द क्यों नहीं किया गया।

मुकेश ने कहा कि कार्रवाई केवल उन लोगों पर ही की गई है, जिन्होंने पेपर खरीदा या लीक किया। जिन अधिकारियों की इसमें संलिप्तता रही, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

इस पर मुख्यमंत्री बीच में बोलने के लिए उठे तो इस पर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बीच में मुख्यमंत्री का बार-बार उठना सही नहीं है। वह विपक्ष को बोलने दें।

 

मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में कहा कि मुख्यमंत्री कर्मचारियों पर बिगड़कर कहते हैं कि आंखें खोलो- ये किसने लिख दिया। ये आउटसोर्स और अन्य कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं। किसान-बागवान को ये कुछ नहीं दे पा रहे हैं। मुख्यमंत्री को कुर्सी छोड़नी चाहिए और सरकार को इस्तीफा देना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों पर कई तरह के खेल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि गाड़ियों के पंजीकरण में भी गड़बड़ी हुई है। नेशनल हाईवे बनाने की बात की गई, मगर ये कहां बने हैं। कहां नई रेलवे लाइन बनी है और कहां नए हवाई अड्डे बने।

नशे के लिए निर्णायक काम करेंगे। क्या काम किए गए। मानव भारती ने पूरे हिंदुस्तान और दूसरे देशों तक डिग्रियां बेच दी हैं। गैर हिमाचली अधिकारी सेब के बगीचे खरीद रहे हैं। अफसर क्या इसलिए बनाए गए हैं।

विपक्ष के अन्य सदस्यों को अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने की अनुमति न मिलने पर सदन में हंगामा और नारबाजी हुई। सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी की। सदन का माहौल गरमाया रहा। मुख्यमंत्री जैसे ही चर्चा का जवाब देने उठे तो कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर गए।

मुकेश ने कहा कि कार्रवाई केवल उन लोगों पर ही की गई है, जिन्होंने पेपर खरीदा या लीक किया। जिन अधिकारियों की इसमें संलिप्तता रही, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

इस पर मुख्यमंत्री बीच में बोलने के लिए उठे तो इस पर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बीच में मुख्यमंत्री का बार-बार उठना सही नहीं है। वह विपक्ष को बोलने दें।

 

 

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