सेंट्रल यूनिवर्सिटी
सामाजिक कार्यकर्ता अतुल भारद्वाज ने एक दैनिक समाचार पत्र में केन्द्रीय विश्वविधालय धर्मशाला के संदर्भ में मुख्यमंत्री के द्वारा दिए गए ब्यान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कड़े शब्दों में जनता की तरफ़ से आपत्ति दर्ज करवाई ।
अतुल भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री व्यवस्था परिवर्तन के बजाए धर्मशाला को लेकर अपनी मानसिकता में परिवर्तन करें।
उन्होंने कहा कि वर्तमान मुख्य्मंत्री पूर्व में रहे मुख्य्मंत्री प्रेम कुमार धूमल व रविन्द्र सिंह रवि, अनुराग ठाकुर की भाषा बोलने से परहेज करें अन्यथा एक को छोड़कर अन्य नेताओं को जनता ने कैसे नकारा है उसे देख ले।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को केवल सीयू के पैसे जमा करवाते समय भूकंप की याद आ रही है , लेकिन वही भूकम्प गगल एयरपोर्ट, युनिटी मॉल, डगवार मिल्क प्लांट , आईटी पार्क , क्रिकेट स्टेडियम आदि के लिए नहीं आ रहा है ।
अतुल भारद्वाज ने कहा की यह मुख्यमंत्री का अदूरदर्शिता व बौखलाहट भरा ब्यान है , एक तरफ कांगड़ा को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की बात कर रहे हैं , तो दूसरी तरफ स्वयं धर्मशाला को भूकम्प क्षेत्र घोषित कर रहे है जो अपनी बात का ही विरोधाभास है। उन्होने कहा कि मुख्य्मंत्री का ध्यान केवल कांगड़ा विशेषकर के धर्मशाला के विधायक को निपटाने की तरफ़ है।
अतुल भारद्वाज ने कहा की जनता के मन में यह प्रश्न उठ रहा है की जो मुख्य्मंत्री अपने विधायको का नहीं हुआ वो कांगड़ा चंबा की जनता का कैसे बन पाएगा ? उन्होंने रैली को लेकर तंज कसते हुए प्रश्न पुछा की जश्न किस बात पर क्या स्टोन क्रेशर बंद करने पर, रोजगार छिनने पर, कोरना वॉरियर्स को बाहर निकाल देने पर, उन्होंने कहा की जश्न के लिए पैसा कहा से आ रहा हैयह जानकारी व कितना धन लगेगा का ब्योरा भी सार्वजनिक करना चाहिए।
मुख्यमंत्री के ब्यान को लेकर 9 दिसम्बर को धर्मशाला के डीआरडीए हाल मे 11बजे मंथन होगा, जिसमे कांग्रेस व भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता व व्यापार मण्डल, शिक्षाविद व इस मुद्दे से जुड़े हुए लोगों को आमंत्रित किया गया है।