देवमयी हुआ रामपुर
पारंपरिक वाद्ययंत्र ढोल, नगाड़ों की मधुर ध्वनि से शुक्रवार को रामपुर बाजार का माहौल देवमयी हो गया। जिला स्तरीय फाग मेले के दूसरे दिन शोभायात्रा के दौरान लोग देवी-देवताओं के दर्शन के लिए अपने घरों के बाहर हाथ जोड़े खड़े रहे। शोभायात्रा जब एनएच से गुजरी तो इसे देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी। शिमला और कुल्लू जिले से पहुंचे 22 देवी-देवताओं के साथ देवलू और श्रद्धालुओं का सैलाब एनएच और दरबार परिसर में उमड़ा।
इस दौरान दिनभर नाटियों का दौर चला। बुशहर के देवता बसाहरू, रचोली जाख, गसो के काजल देवता और छोटू देवता ने शोभायात्रा की शुरूआत की। दरबार मैदान पहुंचने से पूर्व मेले में आए सभी देवी-देवताओं ने पहले रामपुर बाजार की परिक्रमा की। पारंपरिक वेशभूषा में सजधज कर देवलू और ग्रामीण बाजार से नाचते-नाचते नेशनल हाईवे पांच पर पहुंचे। यहां देवताओं के साथ आए हजारों लोगों ने नाटी लगाई।
एनएच पर हजारों लोगों का हुजूम उमड़ने से शहर में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से थम गई। इसके बाद एनएच होते हुए देवता राजमहल परिसर पहुंचे। देवलुओं के नृत्य को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। कुल्लू जिले से आए देवताओं के देवलुओं ने शोभायात्रा में अपनी संस्कृति का संदेश दिया। दोपहर बाद करीब 3:00 बजे शोभायात्रा समाप्त होने के बाद देवी-देवताओं की पालकियां पद्म महल परिसर में विराजमान हो गई। इसके बाद महल परिसर में नाटी का दौर चला। इसमें दूरदराज से मेला देखने आई महिलाओं ने भी नाटी डाली।