उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन
प्रदेश में 10वीं व जमा दो कक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन दर में एक रुपये की बढ़ोतरी की गई है। अब 10वीं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए प्रति पेपर 9.50 रुपये दिए जाएंगे व जमा दो कक्षा की उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन के लिए 11.50 रुपये प्रति पेपर दिया जाएंगे। इससे पूर्व यह दर क्रमश: 8.25 व 11.50 रुपये थी। सोमवार को राजकीय अध्यापक संघ और स्कूल शिक्षा बोर्ड की वार्षिक बैठक बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष डा. निपुण जिंदल की अध्यक्षता में हुई।
इस दौरान संघ ने 29 सूत्रीय मांगपत्र पर चर्चा की। इस दौरान दसवीं व जमा दो में टर्म परीक्षा सिस्टम को बंद करने की मांग रखी। तर्क दिया कि इससे बोर्ड से लेकर अध्यापकों को भी परेशानी हो रही है। पूरा साल शिक्षक मूल्यांकन में जुटे रहते हैं। इस पर शिक्षा बोर्ड प्रबंधन ने सहमति जताते हुए कहा कि इस संबंध में सरकार के पास प्रस्ताव रखा जाएगा। यह भी निर्णय लिया कि स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के तहत तैनात किए शिक्षकों को भी बोर्ड परीक्षाओं की ड्यूटी में लगाया जाएगा।
परीक्षा केंद्र अधीक्षक व उपाधीक्षक के लिए प्रति पेपर 10 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। अब अधीक्षक को प्रति पेपर ड्यूटी के 110 के बजाय 120 और उपाधीक्षक को 100 के बजाय 110 रुपये दिए जाएंगे। अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने बताया कि संघ की ओर से रखी मांग की भाषा विषयों में व्याकरणीय ज्ञान के प्रश्न 15 के बजाय 20 डालने के लिए भी स्वीकृति दे दी गई है। पांचवीं व आठवीं कक्षा को पूर्णता बोर्ड कक्षाएं घोषित करने के लिए भी बोर्ड ने सहमति जताई है। अब शिक्षक परीक्षाओं के दौरान सिर्फ अपने जिले में ही नहीं, बल्कि अंतर जिला भी ड्यूटी दे सकेंगे। बोर्ड प्रबंधन ने कहा है कि इसी सत्र में बोर्ड परीक्षाओं में एसएमसी शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई जाएगी।
शिक्षा बोर्ड ने शिमला के मैहली में छह कनाल भूमि में अध्यापकों के लिए बनने वाले बहुमंजिला भवन का काम एक साल में पूरा करने का आश्वासन दिया है। बैठक में संघ के चेयरमैन सचिन जंवाल, महासचिव मनोज कुमार शर्मा, मुख्य संरक्षक अरुण गुलेरिया, वित्त सचिव सुनील शर्मा, नवीन भंडारी, कुलदीप शर्मा, तिलक नायक, हरि प्रसाद, डा. किशोरी लाल, राजेश गौतम, राकेश संधू, वीरभद्र नेगी, रणधीर राणा, हरि प्रसाद, रमेश भारती व शांति स्वरूप समेत अन्य मौजूद रहे।
अब स्वच्छ होगा हर स्कूल, शिक्षकों की जिम्मेदारी होगी तय
प्रदेश के सरकारी स्कूल अब स्वच्छता का संदेश देंगे। स्कूलों में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा। विद्यार्थियों में स्कूल परिवेश की समग्र स्वच्छता के प्रति नैतिक जिम्मेदारी की भावना को विकसित किया जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उपनिदेशक दिवान चंदेल की ओर से इस संबंध में जिला के सभी प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों को पत्र जारी किया है। शिक्षकों की इसके लिए जिम्मेदारी तय की गई है। हाल ही में सचिव शिक्षा अभिषेक जैन ने उपनिदेशकों के साथ वर्चुअल बैठक की थी। इसमें यह निर्देश दिया था।
पत्राचार के बजाय ई-मेल का करें प्रयोग
सचिव ने उपनिदेशकों को निर्देश दिया है कि निदेशालय द्वारा मांगी जाने वाली सूचनाओं को तय समय पर मुहैया करवाएं। इसके लिए पत्राचार करने के बजाय आधिकारिक ई-मेल का प्रयोग करें, ताकि सूचना पहुंचाने में अनावश्यक विलंब न हो।
टर्म परीक्षाओं को बंद करने की पैरवी
हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक महासंघ ने टर्म परीक्षाओं को बंद करने की पैरवी की है। सोमवार को धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत में राजकीय अध्यापक महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि जब बोर्ड ने टर्म परीक्षाओं का प्रस्ताव लाया था तो उस समय से ही अध्यापक संघ ने इसका विरोध किया था। तर्क दिया कि अब विद्यार्थियों को साल में दो बार परीक्षाएं देनी पड़ रही हैं।
अध्यापक सालभर उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में ही जुटे रह रहे हैं और बच्चों को नहीं पढ़ा पा रहे हैं। कहा, स्थल मूल्यांकन केंद्रों में उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन न करने वाले शिक्षकों को बोर्ड कारण बताओ नोटिस जारी कर रहा है। पिछले साल भी शिक्षा बोर्ड ने स्थल मूल्यांकन केंद्रों के बजाय शिक्षकों को घर में मूल्यांकन करने का काम दिया था। इसका मुख्य कारण यह था कि घर में मूल्यांकन कार्य से बोर्ड को टीए-डीए नहीं देना पड़ना था।