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कोटखाई में एचपी 99-999 नंबर के लिए आनलाइन एक करोड़ रुपये से अधिक की बोली लगाने वालों में से किसी ने भी पैसा जमा नहीं करवाया है। वीआईपी नंबर के लिए हो रहे फर्जीवाड़े को देखते हुए ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी ने कुछ समय के लिए पोर्टल को बंद कर दिया है। वीआईपी नंबर की ऑनलाइन बोली में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए अब नया साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है।
ऐसे में फिलहाल वाहन मालिक अपनी गाड़ियों के लिए वीआईपी नंबर नहीं खरीद सकेंगे। पोर्टल में कुछ नए बदलाव व अपग्रेडशन किए जा रहे हैं। इसके लिए परिवहन विभाग ने नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर को पोर्टल में सुधार करने के लिए कहा है। सॉफ्टवेयर अपडेट होने के बाद नए तरीके से बोली लगेगी। नए साफ्टवेयर से बोलीदाता को बोली की 30 प्रतिशत राशि पहले जमा करनी होगी।
गौरतलब है कि कोटखाई वाहन पंजीकरण के लिए नंबरों की बोली 17 फरवरी तक रखी गई थी। प्रदेश में चर्चा उस समय शुरू हुई जब कांगड़ा जिले के देसराज ने वीआईपी नंबर एचपी 99-9999 के लिए ऑनलाइन एक करोड़ बारह लाख पांच हजार रुपये की बोली लगाई। तीन दिन का समय बीतने के बाद भी बोलीदाता सामने नहीं आया। इसके बाद दूसरे स्थान पर बोली लगाने वाले संजय कुमार को तीन दिन का समय दिया है। वह भी सामने नहीं आया। तीसरे स्थान पर बोली देने वाले धर्मवीर ने भी बोली के एक करोड़ पांच सौ रुपये जमा नहीं करवाए।
कोटखाई में एचपी 99-9999 नंबर के लिए 26 लोगों ने बोली लगाई थी। ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारी हिम्मत नेगी ने कहा कि वीआईपी नंबरों के लिए अब नया साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। इसके तहत अब नंबरों की बोली लगाई जाएगी। तब तक कोटखाई में नंबरों की बोली पर रोक रहेगी।