खबर आजतक, लाहौल ब्यूरो
प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के बाद जनजातीय क्षेत्र लाहौल घाटी में रविवार को चंद्राघाटी में मुर्तिचा गांव के सामने की पहाड़ी से हिमस्खलन हुआ। इससे उठा बवंडर रालिंग, जगला, मूर्तिचा, नुकर और खंगसर गांव तक फैल गया। हिमस्खलन का बवंडर करीब 10 मिनट तक हवा में रहा और गांव के आसपास हल्की बर्फ जम गई। वहीं, प्रदेशभर में बर्फबारी से अभी तक 179 सड़कें बंद पड़ी हैं और 198 ट्रांसफॉर्मर भी ठप हैं। राज्य में आगामी दिनों में 16 फरवरी तक मौसम शुष्क रहेगा।
किलाड़ घाटी में भी हिमस्खलन हुआ है। दोनों जगहों पर हुए हिमस्खलन का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। लाहौल स्पीति के उपायुक्त सुमित खिमटा ने घाटीवासियों से बर्फीले इलाकों से दूर रहने की हिदायत दी है। कहा कि जिले के कई इलाकों में दो से चार फीट तक बर्फबारी हुई है और मौसम खुलने के बाद हिमखंड और हिमस्खलन का खतरा अधिक बढ़ गया है। वहीं मनाली स्थित हिम और हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान (सासे) ने भी कुल्लू और लाहौल-स्पीति के साथ पूरी हिमालय रेंज में हिमखंड गिरने की चेतावनी दी है। तीन दिन तक कुल्लू और लाहौल में हुई बर्फबारी व बारिश के बाद मौसम खुल गया है।
रविवार को सीमा सड़क संगठन ने मनाली-लेह मार्ग को सिस्सू से केलांग तक फोर बाई फोर वाहनों के लिए खोल दिया है। सोलंगनाला से लेकर अटल टनल रोहतांग तक बर्फ हटाने का काम भी शुरू कर दिया है। जलोड़ी दर्रा होकर भी बंजार की तरफ से फोर बाई फोर वाहनों के लिए मार्ग खुला है। उधर, लाहौल में 132 सड़कें और कुल्लू में 12 सड़कों के साथ सात बिजली के ट्रांसफार्मर ठप हैं। मौसम खुलने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है।