तुर्किये में आए भीषण भूकंप की वजह से अब तक करीब 20,000 लोगों की मौत हो गई। भारत समेत दुनिया के कई देश राहत एवं बचाव कार्य में तुर्किये की मदद कर रहे हैं। इसी बीच भीषण तबाही की कई तस्वीरें सामने आ रही हैं।
भीषण भूकंप की वजह से बहुत सारी इमारतें भी ध्वस्त हो गईं और बचावकर्मी मलबे से लोगों को निकालने में जुटे हुए हैं। ऐसे में हम आपको एक 15 वर्षीय बच्ची और उसके पिता की कहानी बताने जा रहे हैं। दरअसल, भीषण ठंड के बावजूद पिता मलबे में दबी हुई 15 वर्षीय बच्ची इरमाक का हाथ छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं और मलबे के बाहर से ही हाथ थाम रखा है।
कंक्रीड के बीच में बेटी का शरीर दबा हुआ है और महज उसका हाथ दिखाई दे रहा है। भीषण ठंड के बावजूद पिचा अपनी बेटी का हाथ छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।
पिता पर टूटा दुखों का पहाड़
आसियाना तबाही के मंजर में तब्दील हो गया और पिता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उनकी बेटी इरमाक की मौत हो गई। सीने में दर्द छुपाए हुए पिता के ज़हन में सोमवार सुबह की यादें बिल्कुल ताजा हैं। उस दिन उनकी बेटी बिस्तर में लेटी हुई थी। तभी अचानक से विनाशकारी भूकंप ने तुर्किये को दहला दिया।
भूकंप की चपेट में आने से बाल-बाल बचे लोग सड़कों में अपने प्रियजनों को तलाशने में जुट गए। सड़क पूरी तरह से टूट गई थी और चारों लोग मलबा बिखरा हुआ था। बिखरे कपड़े और खिलौनों ने खोई हुई जिंदगियों की कहानी बयां की। इसी बीच घटनास्थल पर पहुंचे एएफपी के फोटोग्राफर एडेम अल्टान की नजरें रोते हुए पिता पर जाकर ठहर गई।
फोटो में कैद हुई दर्द भरी दास्तां
फोटोग्राफर ने पिता की तस्वीर ली। उस वक्त पिता ने फोटोग्राफर को अपने पास बुलाया और बेटी की तस्वीरें लेने के लिए कहा। दरअसल, पिता मेसूर हंतर चाहते थे कि दुनिया उनके और तुर्किये में आए दुखों के पहाड़ को देखें। फोटोग्राफर ने बताया कि जब मैंने तस्वीरें लीं उस वक्त मैं काफी ज्यादा दुखी था और खुद के आंसुओं को रोक नहीं पा रहा था।