मोनिका शर्मा, धर्मशाला
खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा कांगड़ा जिला में पिछले 6 माह से ई केवाईसी करवाई जा रही है। इस मुहिम में सबसे बड़े जिला की जनता सहयोग नहीं कर रही है। छह माह की कड़ी मेहनत के बाद भी डिपुओं में अब तक 60 फीसदी राशनकार्डधारकों ने ई-केवाईसी करवाई है। बाकी की 40 फीसदी आबादी इस मुहिम से अब तक नहीं जुड़ पाई है। कांगड़ा में कुल 4 69 994 राशनकार्ड धारक हैं। जिला की कुल आबादी 1779700 है। ऐसे में इस जिला में यह मुहिम प्रदेश में सबसे चुनौतीपूर्ण मानी जा रही है। विभाग ने कई जागरूकता प्रोग्राम भी चलाए हैं, लेकिन जनता का सहयोग नहीं मिल रहा है। इस बारे में डीएफसी कांगड़ा पुरुषोतम सिंह ने जनता से आग्रह किया है कि वह ई केवाईसी की प्रक्रिया को अति शीघ्र पूरा करवा ले, ताकि भविष्य में उन्हें कोई दिक्कत न हो।
डिपो होल्डर्ज की दिक्कतें
ई-केवाईसी में डिपो के सेल्जमैन घर घर जाकर इस प्रक्रिया को पूरा करवा रहे हैं। डिपो होल्डर एसोसिएशन के वाइस प्रेजिडेंट हर्ष ओबराय कहते हैं कि यह काम काफी चुनौतीभरा है। कई बार परिवार के पूरे सदस्य घर पर नहीं मिलते हैं। इसके लिए कई चक्कर काटने पड़ते हैं। कई जगह इंटरनेट नहीं होता है। जनता को इसके लिए खुद भी आगे आना होगा।
लाभार्थियों का विवरण आधार के अनुरूप करना है
केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में सभी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभार्थियों की ई-केवाईसी करने के निर्देश दिए थे, परंतु कोविड-19 के कारण इसमें बाधाएं आईं। अब कोविड के बाद विभाग इस मुहिम को तेज कर रहा है। इसके तहत राज्य सरकारों को लाभार्थियों की सूची का मूल्यांकन करना अनिवार्य है ताकि अनुचित परिवारों एवं लाभार्थियों को डाटाबेस से हटाया जा सके और सही लाभार्थियों का विवरण आधार में दर्ज विवरण के अनुरूप हो सके। इससे लाभार्थी राशनकार्ड डाटा का अन्य योजनाओं में भी सुगमतापूर्वक उपयोग कर सकेंगे।
ई-केवाईसी की प्रक्रिया हर राशनकार्ड धारक के लिए बेहद जरूरी है। इसमें सभी को विभाग का सहयोग करना चाहिए। इस प्रक्रिया से ग्राहकों को ही फायदा होगा, इसमें किसी को पीछे नहीं रहना चाहिए
पुरुषोत्तम सिंह
डीएफसी, कांगड़ा