हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में आर्मीजोन मिला सरसों का तेल खाने से एक व्यक्ति की मौत के बाद हड़कंप मच गया है। लोग सरसों का तेल खाने से भी डर रहे हैं। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, व्यक्ति की मौत कैसे हुई व उस तेल में क्या खराबी थी। यह सब स्पष्ट हो गया है। ड्राप्सी रोग से व्यक्ति की मौत हुई है। प्रशाासन ने एक व्यक्ति की मौत व तीन लोगों के बीमार होने के बाद कांगड़ा जिले में सरसों के खुले तेल की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिले में खुली सरसों की बिक्री पर भी प्रतिबंध रहेगा। उल्टी, डायरिया, पांव में सूजन वाले मरीजों का अस्पताल में पहले ड्राप्सी टेस्ट होगा।
चार सदस्य थे पीड़ित, एक की मौत
ज्वालामुखी उपमंडल की खुंडियां तहसील के तहत धार लाहड़ू गांव में अक्टूबर के अंत में एक परिवार के चार सदस्यों को डायरिया हुआ व पांव में सूजन आ गई। इससे 58 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई। इस पर मृतक व तीन अन्य लोगों का ड्राप्सी टेस्ट करवाया गया, जिसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई।
सरसों में मिले थे आर्मीजोन के बीज
विभिन्न विभागों की संयुक्त जांच टीम ने जांच में पाया कि परिवार ने अक्टूबर में परागपुर स्थित दुकान से खुली सरसों खरीदकर तेल निकलवाकर इसका खाने में उपयोग किया था। सरसों में आर्जीमोन के बीज मिले थे, जो जहरीले होते हैं और इससे ड्राप्सी रोग होता है। प्रशासन जांच कर रहा है कि दुकानदार ने किससे सरसों खरीदी थी और कितने लोगों ने उससे खरीदी थी।
क्या होता है आर्जीमोन
इसका वैज्ञानिक नाम आर्जीमोन मेक्सिकाना है। कंटीले पौधे की पत्तियां चौड़ी होती हैं और सर्दी में पीले फूल निकलते हैं। सरसों की तरह छोटी गोल फली निकलती है। इसमें काले बीज होते हैं, जो सरसों की तरह दिखते हैं। इसके बीज सरसों के साथ मिलाने पर पहचान करना मुश्किल होता है। इन बीजों से निकलने वाले हल्के पीले रंग के तेल में जहरीला रसायन होता है।
क्या होता है ड्राप्सी रोग
ड्राप्सी रोग सरसों के तेल में आर्जीमोन, सायनायड या उजला रंग करने वाली मिलावट के कारण होता है। सरसों के तेल में मिश्रित आर्जीमोन लंबे समय तक उपयोग किया जाए तो ड्राप्सी रोग हो सकता है। इस बीमारी का असर हृदय, किडनी व लीवर पर पड़ता है और निमोनिया भी हो जाता है। ड्राप्सी पीड़ित व्यक्ति की जान बचाना मुश्किल हो जाता है।
ड्राप्सी रोग के 4 लक्षण
ड्राप्सी रोग के चार लक्षण हैं। डायरिया, उल्टी, पांव में सूजन व सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल में पहुंचे।
शरीर में जमा हो जाता है दूषित पानी
जिला कांगड़ा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. गुरदर्शन गुप्ता ने कहा ड्राप्सी रोग के लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल में जांच करवाएं। आर्जीमोन मिला तेल उपयोग करने से शरीर में दूषित पानी जमा हो जाता है और पेट फूलने लगता है। इस पानी को निकलवाना जरूरी होता है अन्यथा यह रोग घातक हो सकता है। पांव व मुंह में भी सूजन आ जाती है और बुखार भी हो सकता है।