गगल आखिर हार ही गया रोहित जिंदगी से जंग लड़ते लड़ते ,टाण्डा मेडिकल कॉलेज में पिछले छः दिनों से उपाचारधीन रोहित ने सुबह 4:20 बजे अंतिम सांस ली। डॉक्टरों ने रोहित को मृत घोषित कर दिया । रोहित की मौत की खबर जैसे ही गांव रच्छयालु में पहुंची पूरे गाँव मे शोक की लहर दौड़ गई। गरीब परिबार से सम्बन्ध रखने बाला रोहित एकमात्र अपने परिबार का सहारा था । माँ का देहांत 2017 में सर्प दंश के कारण हो गया था ,छोटा भाई अर्पण जो कि बाहरबीं कक्षा में पढ़ता है और बीमार पिता के मन मे क्या क्या ख्याल उमड़ रहे थे अपने नौजवान बेटे की लाश देख कर ।
डीएसपी कांगड़ा मदन धीमान ने बताया कि मृतक रोहित का पोस्टमार्टम टाण्डा अस्पताल में करवा कर शब को परिजनों के सपुर्द कर दिया है । उधर गाँव मे माहौल बिगड़ने की आसंका को देखते हुए प्रसाशन ने भी ए एस पी बद्री ,डी एस पी रामप्रसाद जसवाल और डी एस पी मदन धीमान की निगरानी में रोहित का अंतिम संस्कार करवाया ।
उधर , ग्रामपंचायत रच्छियालू की प्रधान संजू कुमारी ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस निर्धन परिवार के एक सदस्य को सरकार नौकरी दे और इस गरीब परिबार को आर्थिक सहायता प्रदान करे। उधर ग्रामीणों ने रोहित के हत्यारे सचिन को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है ।
ज्ञात रहे कि 7 सितम्बर को गगल बाजार में धर्मशाला मार्ग पर थाने से मात्र 50 मीटर की दूरी पर यह मारपीट की घटना हुई थी और गगल पुलिस द्वारा इस मामले की जांच को गम्भीरता से न करने के कारण गाँव रच्छियालू के ग्रामीणों में गगल पुलिस थाना के कर्मचारियों के प्रति भारी रोष होने से 10 तारीख को गगल थाने का घेराब किया था और गगल पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की थी।
ग्रामीणों ने आरोपी के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने की मांग थी, जिस पर पुलिस उच्च अधिकारियों ने गगल पुलिस थाना के 6 कर्मचारियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था। और इस मामले की जांच के लिए डी एस पी रामप्रसाद जसवाल को नियुक्त किया गया है ।