शिमला. हिमाचल प्रदेश की 13वीं विधानसभा का अंतिम सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है. यह सत्र 10 अगस्त से 13 अगस्त तक चलेगा. राज्य में दिसंबर में चुनाव होने हैं. ऐसे में इस आखिरी सत्र के खूब हंगामेदार रहने का अनुमान है. विपक्ष सड़क से लेकर सदन तक सत्ता पक्ष को घेरने रणनीति तैयार कर चुका है.
इस चार दिवसीय मॉनसून सत्र की शुरुआत में विधायक चार दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देंगे. इन पूर्व विधायकों का पिछले सत्र यानी बजट सत्र के बाद निधन हो गया था. पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम को श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिनका मस्तिष्क आघात के बाद 11 मई को नयी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था.
पूर्व सांसद और विधायक पंडित सुखराम 1993 से 1996 के बीच केंद्रीय संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे थे. उन्हें देश में दूरसंचार क्रांति लाने के लिए याद किया जाता है. उन्होंने अपने 60 वर्ष के लंबे राजनीतिक जीवन के दौरान हिमाचल प्रदेश के विकास और राज्य के लोगों के कल्याण में काफी योगदान दिया.
पूर्व विधायक रूप सिंह चौहान, मस्त राम और प्रवीण शर्मा का भी पिछले सत्र के बाद निधन हो गया था और उन्हें भी श्रद्धांजलि दी जाएगी. विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि कोविड और मंकीपॉक्स के मद्देनजर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का सत्र के दौरान पालन किया जाएगा.
वहीं विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह ने बताया कि इस सत्र में 367 प्रश्न पूछे जाएंगे. इनमें तारांकित प्रश्नों की संख्या 228 है, इनमें 167 ऑनलाइन तो 61 प्रश्नों की सूचनाएं ऑफलाइन भेजी गई हैं. 139 अतारांकित प्रश्न हैं, इनमें 85 ऑनलाइन और 54 प्रश्न ऑफलाइन भेजे गए हैं. उन्होंने बताया कि इसमें से अधिकतर प्रश्न बढ़ती मंहगाई, बेरोजगारी, सड़कों की दयनीय स्थिति, विभिन्न विभागों में रिक्त पदों की पूर्ति, युवाओं में बढ़ते नशे के प्रयोग की रोकथाम, बढ़ते अपराधिक मामलों और ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर पूछे गए हैं.