10 दिन नौ घंटे में श्रीनगर से कन्याकुमारी तक का सफर पैदल तय कर गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज करने वाले महाराष्ट्र के नासिक निवासी डॉ. महेंद्र महाजन ने एक और कीर्तिमान स्थापित किया है। जोखिम भरे मनाली-लेह मार्ग का 427 किलोमीटर का सफर महेंद्र ने दौड़ते हुए 117 घंटे 18 मिनट (चार दिन, 21 घंटे और 18 मिनट) में पूरा किया। उनका यह रिकॉर्ड भी गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज होगा।
उन्होंने बारिश के अलावा प्रचंड घूप में इस सफर को पूरा किया। इससे पहले सोनीपत की महिला सोफिया खान छह दिन 12 घंटे छह मिनट में यह सफर पूरा कर गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कर चुकी हैं। डॉ. महेंद्र ने बताया कि सात जुलाई को सुबह 6:12 बजे लेह से मनाली के लिए रवाना हुए। एडीजीपी लद्दाख पुलिस एसएस खंडारे और लद्दाख के
इंजीनियर और वैज्ञानिक सोनम वांगचुक ने उन्हें हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
पहले दिन वह 91 किलोमीटर दौड़ने के बाद 17,600 फीट ऊंचे तांगलांगला दर्रे की चढ़ाई पर पहुंचे। तांगलांगला मनाली-लेह मार्ग पर सबसे ऊंचा दर्रा है। महज चार घंटे सोने के बाद उन्होंने दूसरे दिन उसी स्थान सेअपनी यात्रा शुरू की। दूसरे दिन का सफर तांगलांगला दर्रे और 50 किमी लंबे अधिक मैदानों को पार करने के बाद पांग (15, 280 फीट ऊंचाई) पर समाप्त हुआ।
इसके बाद वह लाचुंगला (16,597 फीट), नकीला ( 15,547 फीट), बारालाचला दर्रा ( 15,912 फीट) जैसे दरों का पार करते हुए चार दिन बाद मनाली पहुंचे ।
महेंद्र ने बताया कि गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में इस दौड़ को पूरा करने के लिए आठ दिन का समय मिला था। उन्होंने यह सफर 117 घंटे और 18 मिनट में पूरा किया। 46 वर्षीय महेंद्र साहसिक खेलों के शौकीन हैं। इससे पहले वह अल्ट्रासाइकलिस्ट और अमेरिका में कई दौड़ जीत चुके है ।