प्राकृतिक खेती
इस बार बाजरा-कांगणी की खेती में भी आजमा रही हाथ
सूखे गोबर की खाद और जीवामृत से खेतों में डाली नई जान
धर्मशाला। प्राकृतिक खेती में हिमाचली किसानों ने कमाल कर दिया है। इसमें सैकड़ों किसान शामिल हैं। इन्हीं होनहार किसानों में से एक हैं कमला देवी। कमला देवी धर्मशाला हलके की ढगवार पंचायत में खेती कर रही हैं। कुछ साल पहले तक कमला देवी पारंपरिक खेती करती थीं, लेकिन जब उन्हें विभाग की योजनओं का पता चला, तो वह आतमा प्रोजेक्ट से जुड़ी। उसके बाद उन्होंने अपने खेतों में रासायनिक खाद डालना बंद कर दीं।
साथ ही काली गेहूं और लाल धान भी अपने खेतों में उगाया। इसके अलावा भिंडी, फ्रांसबीन, गोभी जैसी सब्जियों में मिश्रित खेती भी शुरू की। अभी उन्होंने मक्की में कुलथ की दाल लगा रखी है। वह अपने खेतों में सूखे गोबर की खाद और गोमूत्र से जीवामृत बनाकर उनका इस्तेमाल कर रही हैं। पहले उनके खेतों में सिर्फ गुजारे लायक फसल होती थी। अब वह अपने उत्पाद बेचती भी हैं। उनकी कमाई में कई गुूना इजाफा हुआ है