चंबा के चुराह में अवैध
चंबा के चुराह में अवैध पेड़ कटान के मामले में प्रदेश हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने पुलिस थाना तीसा की जांच पर नाराजगी जताई है। अदालत ने कहा कि एएसआई रविंद्र कुमार ने इस मामले की जांच लापरवाही से की है और अवैध पेड़ कटान का काेई संदर्भ नहीं दिया है। अदालत ने अब जांच का जिम्मा डीएसपी सलूनी को सौंपा है और सील्ड कवर में रिपोर्ट तलब की है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई 19 जून 2023 को निर्धारित की है।
अदालत ने सभी प्रतिवादियों को आदेश दिए हैं कि वे जांच में सहयोग दें। इससे पहले अदालत ने निगम से दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामला न चलाने के बारे में मांगा स्पष्टीकरण तलब किया था। अदालत ने पाया था कि 14 सूखे पेड़ों की स्वीकृति की आड़ में ठेकेदार झगड़ सिंह ने 57 हरे देवदार के पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई है। वन विभाग ने शपथपत्र के माध्यम से अदालत को बताया था कि इस जुर्म के लिए ठेकेदार पर 16.67 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि चुराह वन मंडल के दायरे में आने वाले शक्ति जंगल में देवदार के पेड़ों पर अवैध रूप से कुल्हाड़ी चलाई गई है। शक्ति जंगल में वन निगम को 25 से 30 सूखे पेड़ों को काटने का लॉट जारी हुआ था। निगम के ठेकेदार झगड़ सिंह ने इस लॉट की आड़ में 60 से अधिक हरे देवदार के पेड़ों की बलि दे दी। काटे हुए पेड़ों के ठूंठों को जलाकर सुबूत मिटाने की कोशिश की गई है।