चंबा के कोहलड़ी
चंबा जिले की कोहलड़ी पंचायत के आधा दर्जन से अधिक गावों के बाशिंदों के लिए सड़क सुविधा के अभाव में दिक्कत हो रही है। सड़क के अभाव में गांव से मुख्य सड़क तक पहुंचना ग्रामीणों के लिए काफी मुश्किल हो जाता है। सोमवार देर रात जगरोता निवासी किशोरी लाल पुत्र मंगत राम रात को शौच के लिए उठे। घर पर बिजली सप्लाई बंद होने पर वह अंधेरे में ही शौच करने के लिए चले गए। जब वह लौट कर आए तो उन्हें पैर पर किसी जंतु के डंक मारने का आभास हुआ। उन्होंने इसे हल्के में लिया। मंगलवार सुबह जब उनकी नींद खुली तो पांव में सूजन थी। साथ ही असहनीय दर्द भी हो रहा था।
सांप उनकी चारपाई के नीचे बैठा हुआ था। किशोरी लाल की बिगड़ती तबीयत को देख उसके परिजन काफी भयभीत हो गए। उन्होंने किशोरी लाल को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज चंबा ले जाने का निर्णय किया। परिजनों और ग्रामीणों की मदद से उन्हें पीठ पर उठाकर घर से रवाना हुए। घने जंगल से घिरे पगडंडी भरे रास्ते से होते हुए चार किलोमीटर का सफर तय कर कोहलड़ी पहुंचाया गया। यहां से निजी वाहन के जरिये उन्हें मेडिकल कॉलेज चंबा पहुंचाया गया जहां पर प्राथमिक उपचार देने के बाद दाखिल किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव जीतने बाद नेताओं के गांवों में दर्शन तक नहीं होते हैं। कई बार गांव को सड़क से जोड़ने के लिए आवाज उठाई गई लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
मान चंद, आशीष कुमार, नवल किशोर, किशन चंद, राकेश कुमार, अनिल कुमार, धनी राम, मंगत राम आदि ने बताया कि सड़क सुविधा के अभाव में उनके गांव में विकास को गति नहीं मिल पाई है। बताया कि सड़क बनने से ग्राम पंचायत कोहलड़ी के गांव जगरोता, लिंडीबेही, कुट, डिबरी, लाहड़, खखरोग, कांशियाड़, बेही, फाटी आदि की 1,500 की आबादी को लाभ मिलेगा। कहा कि सड़क के अभाव में गांव के बच्चे भी उच्च शिक्षा हासिल करने के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोहलड़ी का रुख करने को विवश हैं। वार्ड सदस्य किशोरी लाल ने बताया कि पंचायत स्तर से भी प्रस्ताव पारित कर शासन-प्रशासन को भेजे गए। सदर विधायक नीरज नैयर ने बताया कि संबंधित विभाग के साथ बात करके गांवों तक सड़क पहुंचाने को लेकर सर्वे करवाया जाएगा। कहा कि ग्रामीणों को सड़क सहूलियत प्रदान करने के लिए कांग्रेस सरकार बचनवद्ध है। पूर्व विधायक पवन नैयर ने बताया कि मार्ग स्वीकृत हो चुका है। लोगों की ओर से जमीन विभाग के नाम न करने से सड़क निर्माण का कार्य आरंभ नहीं हो पाया। ग्रामीणों को सड़क बनाने के लिए स्वेच्छा से जमीन देनी चाहिए।