खबर आज तक

Himachal

शिमला नगर निगम चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब महापौर और उपमहापौर का होगा चुनाव

featured

शिमला नगर निगम

शिमला नगर निगम चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब महापौर और उपमहापौर का चुनाव होगा। नगर निगम के चुने हुए पार्षद ही महापौर और उप महापौर का चुनाव करेंगे। कांग्रेस ने 24 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर लिया है। ऐसे में कांग्रेस के पार्षद ही महापौर और उप महापौर पद पर चुने जाएंगे। इन पदों के लिए अब छह पार्षदों में दौड़ तेज हो गई है। गुरुवार को मतगणना के बाद छोटा शिमला से चुनाव जीते सुरेंद्र चौहान और भट्ठाकुफर से विजेता रहे नरेंद्र ठाकुर को मेयर बनाने को लेकर नारेबाजी भी हुई है।

सदन में इस बार 21 महिला पार्षद हैं। इनमें कांग्रेस की 14 पार्षद शामिल हैं। ऐसे में पार्टी किसी महिला पार्षद को भी महापौर पद दे सकती है। कांग्रेस की ओर से तीन महिला पार्षद इस पद की प्रबल दावेदार हैं। जीत की हैट्रिक लगाने वाली टूटीकंडी वार्ड की पार्षद उमा कौशल, रामबाजार से तीसरी बार चुनाव जीती सुषमा कुठियाला, नाभा से दूसरी बार जीती सिमी नंदा महापौर पद की दौड़ में है। छोटा शिमला वार्ड से तीसरी बार चुनाव जीते सुरेंद्र चौहान, जीत की हैट्रिक जमाने वाले सांगटी के कुलदीप ठाकुर और भट्ठाकुफर वार्ड से दूसरी बार सदन में पहुंचे नरेंद्र ठाकुर महापौर पद के प्रबल दावेदार हैं। अब पार्टी के सामने चुनौती होगी कि कैसे सभी को एकजुट कर महापौर और उप महापौर का चुनाव करवाया जाए।

एक हफ्ते के भीतर होगा चुनाव महापौर और उपमहापौर का चुनाव एक हफ्ते के भीतर संभावित है। शहरी विकास विभाग महापौर और उपमहापौर के लिए चुनाव करवाएगा। पहले ढाई साल के लिए महापौर पद अनारक्षित है। इसके बाद अगले ढाई साल के लिए यह पद महिला के लिए आरक्षित होगा। हालांकि, सरकार नियमों में बदलाव इन पदों का कार्यकाल बदल सकती है। शानदार जीत के बावजूद चुनाव हार गए कांग्रेस के शहरी अध्यक्ष उधर, नगर निगम शिमला के चुनावों में कांग्रेस की रिकार्ड 24 वार्ड में शानदार जीत के बावजूद, निगम के भराड़ी वार्ड से कांग्रेस के उम्मीदवार की हार अपने आप में बड़े सवाल खड़े कर रही है। इस सीट पर पिछले तीन सालों से कांग्रेस के जिला शिमला शहरी अध्यक्ष जितेंद्र चौधारी पार्टी टिकट पर चुनाव मैदान में उतारे गए थे। इस सीट पर शहरी अध्यक्ष की 382 मतों से भाजपा की एक नई उम्मीदवार से पराजित होना अपने आप में सवाल खड़े करता है।

भाजपा ने यहां से पूर्व में कांग्रेस से भराड़ी वार्ड से टिकट की दावेदार को टिकट कट जाने के बाद टिकट देकर दांव खेला, जिसमें भाजपा सफल भी रही। कांग्रेस की यह हार पार्टी के टिकट आवंटन और प्रचार में एकजुटता और रणनीति पर सवाल है। कांग्रेस को चुनावों में अन्य हारी सीटों के साथ इस सीट पर हार के कारणों पर मंथन करने की जरूरत रहेगी। इस चुनावों में जीत को कांग्रेस की विचारधारा की जीत बता रहे है, मगर निगम चुनावों में एक या दो बार भाजपा के पास गई इस सीट पर कांग्रेस की हवा के बावजूद हार कांग्रेस को जरूर अखरेगी, वो भी शहरी अध्यक्ष के मैदान में उतरने के बावजूद कांग्रेस सीट नहीं जीत पाई।

इस वार्ड से जितेंद्र चौधरी 2002 से 2007 तक और 2007 से 2012 तक जीत कर नगर निगम में पार्षद चुनकर गए थे। वहीं 2017 से 2022 तक उनकी पत्नी तनुजा चौधरी वार्ड से जीतकर क्षेत्र की जनता का निगम में प्रतिनिधित्व कर चुकी है। स्वीकार है मतदाताओं का फैसला : जितेंद्र भराड़ी वार्ड से कांग्रेस उम्मीदवार कांग्रेस के शिमला शहरी अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी ने चुनाव के नतीजे आने पर कहा कि मतदाताओं का फैसला उन्हें मंजूर है। उन्होंने वार्ड के सभी मतदाताओं का आभार जताया और कहा कि वह चुनाव हार जाने के बावजूद वार्ड के विकास के लिए स्क्रीय रूप से कार्य जारी रखेंगे। वार्ड की जनता के सुख दुख में पहले की तरह से हरदम खड़े रहेंगे। चौधरी ने उन्हें टिकट देने के लिए कांग्रेस पार्टी हाईकमान और उन्हें मतदान करने के लिए मतदाताओं का आभार जताया।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

The Latest

https://khabraajtak.com/wp-content/uploads/2022/09/IMG-20220902-WA0108.jpg
To Top