प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कर्मचारी के तबादले से जुड़े मामले में अहम निर्णय सुनाया है। अदालत ने कहा कि कोई भी कर्मचारी एक ही स्थान पर तीन वर्ष तक सेवाएं देने का हक नहीं रखता है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कहा कि प्रशासनिक कारणों से सरकार कर्मचारी का तबादला कभी भी कर सकती है। अदालत ने वन विभाग के कर्मचारी की याचिका को खारिज करते हुए यह निर्णय सुनाया। याचिकाकर्ता अब्दुल हामिद ने आरोप लगाया था कि उसका तबादला तीन वर्ष से पहले ही कर दिया गया है। तबादला नीति का हवाला देते हुए याचिका में दलील दी गई थी कि कर्मचारी को एक स्थान पर सेवाएं देने के लिए तीन वर्षों का प्रावधान रखा गया है।
हालांकि, याचिकाकर्ता ने अभी डेढ़ वर्ष का कार्यकाल ही पूरा किया है। आरोप लगाया था कि उसका तबादला राजनीतिक सिफारिश पर प्रतिवादी को समायोजित करने के लिए किया गया। अदालत ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन पर पाया कि याचिकाकर्ता का तबादला चुराह वन मंडल से तुंदह ब्लॉक खजियार को प्रशासनिक आवश्यकता के आधार पर स्थानांतरित किया गया था। अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि तबादला नीति में एक कर्मचारी का सामान्य कार्यकाल को पूर्ण जनादेश नहीं कहा जा सकता। सरकार अपने कर्मचारी को जनहित अथवा प्रशासनिक आवश्यकता पड़ने पर कभी भी तबादले करने का हक रखती है।