मुकेश अग्निहोत्री
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में नशे के खिलाफ एक संकल्प रखा। इसे विपक्ष की गैर हाजिरी में सदन में रखा गया। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में हिमाचल सरकार की ओर से सुझाए गए सुझावों को इसमें शामिल किया जाए। नशे और इसके अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। प्रदेश सरकार की ओर से कुछ संशोधन शामिल किए जा रहे हैं, जिससे नशे का कारोबार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पिछले तीन महीनों में एनडीपीएस एक्ट में 530 मामले दर्ज किए गए हैं। 729 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। दो लोगों को सजा भी हो गई है। बड़े पैमाने पर इन लोगों ने बिसात बिछाई है। नशा अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से आ रहा हैं। इस पर अंकुश लगाया जाए। इसमें भारत सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।
नशे की कोई भी मात्रा पकड़ी जाए तो गैर जमानती अपराध हो
कॉलेजों स्कूलों के बच्चों को बचाने के लिए यह फैसला लिया गया है कि नशे पर अंकुश लगे। कोई भी मात्रा पकड़ी जाए तो यह गैर जमानती अपराध हो। 10 से 20 साल कैद की सजा का प्रावधान हो। कम से कम पांच लाख का जुर्माना किया जाए। नशे के व्यापार में संलिप्त व्यक्ति को उम्र कैद हो। नशे से अर्जित संपत्ति को जब्त किया जाए या सरकार के अधीन लिया जाए। इस संबंध में सरकार ने कई कमेटियां भी बनाई हैं।
चुने हुए सदस्य अपने प्रभाव का इस्तेमाल नहीं करेंगे
नशे के मामले में कोई भी चुने हुए सदस्य अपने प्रभाव का इस्तेमाल नहीं करेंगे। मुकेश ने कहा कि वह तो यह मान रहे थे कि ऐसे मौके पर भी विपक्ष के सदस्य यहां होते। सदन संकल्प लेता है कि नशीले पदार्थों से संबंधित संशोधन को शामिल किया जाए। सदन में नगर निगम शिमला के वार्ड घटाने का विधेयक भी ध्वनिमत से पारित किया गया।