एक-एक शिक्षक के सहारे
हिमाचल प्रदेश में पहली से आठवीं कक्षा के 455 स्कूलों में एक भी नियमित शिक्षक नियुक्त नहीं है। यह स्कूल एसएमसी, अनुबंध या प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त शिक्षकों के सहारे चल रहे हैं। 3148 प्राथमिक स्कूल ऐसे भी भी जहां सिर्फ एक-एक शिक्षक ही नियुक्त है। बुधवार को विधानसभा सदन में भाजपा विधायक बलवीर वर्मा के सवाल का जवाब देते शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि वर्ष 2020-21 में 1993, 2021-22 में 2922 स्कूलों में सिर्फ एक-एक शिक्षक ही नियुक्त थे।
शिक्षा मंत्री ने सदन में एलान किया कि एक-एक शिक्षक के सहारे चल रहे सरकारी स्कूलों से शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा। रिक्त पदों को जल्द भरा जाएगा। शिक्षा मंत्री ने बताया कि चौपाल विधानसभा क्षेत्र में आठ प्राथमिक और 20 माध्यमिक स्कूलों में स्थाई शिक्षक नियुक्त नहीं हैं।
आउटसोर्स कंप्यूटर शिक्षकों के नियमितीकरण का विचार नहीं
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कांग्रेस विधायक यादविंद्र गोमा के सवाल का लिखित जवाब देते हुए बताया कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 1323 आउटसोर्स कंप्यूटर शिक्षक हैं। इन शिक्षकों के नियमितीकरण को लेकर अभी सरकार के पास कोई नीति बनाने का विचार नहीं है।
पहली कक्षा में आयु सीमा निर्धारित करने का मामला विचाराधीन
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत पहली कक्षा में दाखिला होने के लिए विद्यार्थियों की आयु सीमा छह वर्ष निधार्रित की गई है। भाजपा विधायक पवन काजल के सवाल का लिखित जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने बताया कि वर्तमान में पांच वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को पहली कक्षा में दाखिला दिया जाता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार आयु सीमा निर्धारित करने का मामला प्रदेश सरकार के पास विचाराधीन है।
विद्यार्थियों की कम संख्या होने पर बंद किए शिक्षण संस्थान
शिक्षा मंत्री ने बताया कि विद्यार्थियों की कम संख्या होने पर शिक्षण संस्थान बंद किए गए। 228 प्राथमिक स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या शून्य थी। 17 प्राथमिक स्कूलों में संख्या दस से कम थी। विधायक दलीप ठाकुर और सुरेश कुमार के सवालों का लिखित जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने बताया कि गत वर्ष खोले गए 24 कॉलेजों में से पांच में विद्यार्थियों की संख्या शून्य और 13 में 50 से कम थी। 22 डिग्री कॉलेज खोलने के लिए 1.12 करोड़ के बजट का ही प्रावधान किया गया था।