सोलन में हेलीपोर्ट
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट में सोलन में एक वर्ष के अंदर हेलीपोर्ट बनाने की घोषणा की। वहीं औद्योगिक क्षेत्र बद्दी से जल्द हेली टैक्सी सेवा शुरू करने का भी वादा किया है। जिला सोलन मुख्यालय सोलन में हेलीपोर्ट बनने और बद्दी से हेली टैक्सी सेवा शुरू होने के बाद से जिला पर्यटन की दृष्टि से आने वाले दिनों में विकसित होगा। इससे जहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों की आय में भी वृद्धि होगी।
हेलीपोर्ट बनने की योजना तेज
जिला मुख्यालय सोलन के समीप जिला प्रशासन ने हेलीपोर्ट बनाने की कसरत बीते दिनों से तेज कर दी है। सोलन से करीब सात किलोमीटर दूर गलानग गांव में सरकार की हेलीपोर्ट बनाने की योजना है। इसके लिए जिला प्रशासन ने वन विभाग की 11 बीघा भूमि को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर दिया है। बीते दिनों सरकार ने यहां हेलीपोर्ट निर्माण के लिए भूमि चिह्नित की थी। इसके बाद वन विभाग ने जमीन पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने की एनओसी दे दी है। इस प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है व अब डीपीआर केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। सोलन के समीप स्थित गलानग की पहाड़ियां शहर के टाप पर स्थित हैं व यहां का प्राकृतिक सौंदर्य हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। गलानग गांव तक सड़क मार्ग की सुविधा भी है। इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए सरकार का यह बेहतरीन कदम साबित होगा।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
सोलन में हेलीपोर्ट बनने से देश और विदेश से आने वाले पर्यटकों को हवाई सेवाओं का लाभ मिलेगा। साथ ही सोलन मुख्यालय सहित आसपास के पर्यटन स्थलों जैसे चायल, साधुपुल, कसौली आदि क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। सरकार की हेलीपोर्ट बनाने की योजना से रोजगार के साधन भी सृजित होंगे। गलानग से सोलन और शिमला शहर का नजारा देखा जा सकता है। यह हेलीपोर्ट बनने से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर सृजित होंगे। हेलीपोर्ट बनने से क्षेत्र में होटल कारोबार व पैराग्लाइडिंग को भी बढ़ावा मिलेगा।
सोलन में हेलीपैड की सुविधा
हेलीपोर्ट में चार से पांच हेलीकाप्टर एक समय में खड़े हो सकते हैं, जबकि हेलीपैड में एक समय में केवल एक ही हेलीकाप्टर खड़ा हो सकता है। सोलन मुख्यालय में फिलहाल हेलीपैड की ही सुविधा है। सोलन के बसाल, नौणी विश्वविद्यालय और आर्मी ग्राउंड में ही हेलीकाप्टर की लैंडिंग हो पाती है।