हिमाचल प्रदेश की सियासत में कांगड़ा जिला बहुत महत्वपूर्ण है। इस जिला में जिस भी दल ने बढ़त पाई है, सत्ता की कुर्सी उसी के हाथ लगी है। 15 विधानसभा क्षेत्रों वाला यह जिला आबादी के हिसाब से प्रदेश में सबसे बड़ा है। यहीं से सत्ता पर काबिज होने का रास्ता बनता हैं। इसलिए दोनों बड़े राष्ट्रीय दल इस जिले को कब्जाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। यही वजह है कि इस जिले से मंत्रिमंडल में सबसे अधिक सदस्य होते हैं। जिला में मतदाता प्रतिशत में सामान्य वर्ग में राजपूत जाति 34 प्रतिशत, ओबीसी अन्य पिछड़ा वर्ग 32 प्रतिशत, 18 प्रतिशत ब्राह्मण, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग एससी-एसटी 20 प्रतिशत हैं। इस बार आम आदमी पार्टी भी हिमाचल प्रदेश में अपना भाग्य आजमा रही है। जिला कांगड़ा में भी आप सेंध की तैयारी कर रही है।
2017 में भाजपा ने जीती थीं 11 सीटें
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को पटखनी दी थी। भाजपा के 11 प्रत्याशी विजयीश्री हासिल करने में सफल रहे। जबकि कांग्रेस से सिर्फ तीन प्रत्याशी ही जीत सके थे, जबकि एक प्रत्याशी निर्दलीय जीता था। कांगड़ा से चार मंत्री बनाए गए थे। किशन कपूर, विपिन परमार, सरवीण चौधरी, बिक्रम ठाकुर मंत्री बने थे। लेकिन किशन कपूर को कांगड़ा चंबा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ाया गया और वह जीतकर लोकसभा सदस्य बन गए। उनके स्थान पर राकेश पठानिया को मंत्री बनाकर कांगड़ा को प्रतिनिधित्व दिया गया। जबकि विपिन पमार को मंत्री पद से हटाकर उन्हें विधानसभा अध्यक्ष पद का कार्यभार दिया गया। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ ओबीसी नेता व कांगड़ा के विधायक पवन काजल भी अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
भाजपा कर चुकी है कई रैलियां व कार्यक्रम
कांगड़ा जिला में हरेक विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तो रैलियां व बैठकें की ही हैं। लेकिन चुनावी वर्ष में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा नगरोटा बगवां में रोड शो व जनसभा करने के साथ-साथ पंच परमेश्वर सम्मेलन के लिए शाहपुर के रेहलू में बैठक करके चुनावी हुंकार भर चुके हैं। इससे पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी चंबी मैदान में जनसभा को संबोधित करके भाजपा को मजबूती दे चुकी हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धर्मशाला में रोड शो करने के साथ-साथ देश भर के मुख्य सचिवों से बैठक कर चुके हैं। राजनाथ सिंह ज्वालामुखी में पूर्व सैनिकों का सम्मेलन कर चुके हैं।
कांग्रेस का बड़ा नेता नहीं कर सका कांगड़ा में रैली
कांग्रेस का बड़ा नेता अभी तक कांगड़ा में कोई रैली नहीं कर सका है। हालांकि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला व सह प्रभारी ने जिला में अलग अलग स्थानों पर बैठकें जरूर की है। वहीं आइसीसी सचिव रघुवीर सिंह बाली ने बेरोजगारों के लिए रोजगार के समर्थन में रोजगार यात्रा जरूर निकाली है।
टिकटों का सही आवंटन ही दिलवाएगा जीत
कांगड़ा में 15 सीटें हैं और टिकटों का सही आवंटन ही जीतहार का फैसला तय करेगा कि किस दल को कितनी मजबूती है। लेकिन अभी तक के हालात के मुताबिक फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र व पालमपुर विधानसभा क्षेत्र में अन्य दलों के मुकाबले कांग्रेस मजबूत है।
कांग्रेस के मजबूत सिपहलसार व कांगड़ा के विधायक थाम चुके हैं भाजपा का दामन
कांग्रेस के मजबूत सिपहलसार व विधायक पवन काजल भाजपा का दामन थाम चुके हैं। अब भाजपा मयी होकर भाजपा की नीतियों का गुणगान कर रहे हैं।