आदमी में आदमीयत का होना जरूरी है, वरना 4 टांग के आदमी और 2 दो टांग के मनुष्यरूपी ‘जानवर’ में रत्तीभर का अंतर नहीं है। यह अंतर तब बिल्कुल ही खत्म हो जाता है, जब इंसान किसी खूंखार जानवर की आदत को खुद में शामिल कर लेता है। डेढ़ दशक पहले बिहार के रहने वाले शख्स चंद्रकांत झा का देश की राजधानी दिल्ली में वह वहशी रूप दुनिया के सामने आया, जिसके बारे में जानकर लोगों की रूह कांप गई
सीरियल किलर चंद्रकांत झा ने उड़ा दी थी दिल्ली पुलिस की नींद
एक साधारण सी शख्सियत का मालिक चंद्रकांत झा आखिर कैसे एक सीरियल किलर बन गया। इसको लेकर ओटीटी फ्लेटफार्म नेटफिलिक्स पर वेब सीरिज आई है, जिसका नाम है इंडियन प्रीडेटर: द बुचर ऑफ दिल्ली (Indian predator: butcher of Delhi)। मानसिक रूप से बीमार चंद्रकांत झा ने एक-एक कर लोगों की हत्या को इस खौफनाक तरीके से अंजाम दिया कि उससे दिल्ली पुलिस की भी नींद उड़ गई। आरोप है कि चंद्रकांत झा ने कुल 44 हत्याओं को अंजाम दिया, लेकिन उसने कितनी हत्याएं की, वह खुद नहीं जानता है।
सीरियल किलर चंद्रकांत झा की कहानी को ‘इंडियन प्रीडेटर: द बुचर ऑफ डेल्ही’ वेब सीरिज में दिखाया गया है कि किस तरह मानसिक रूप से बीमार चंद्रकांत झा ने दिल्ली में सिलसिलेवार लोगों की हत्या की थी। फिलहाल यह सीरियल किलर दिल्ली की तिहाड़ जेल में अपने गुनाहों की सजा भुगत रहा है।
दरअसल, नेटफ्लिक्स पर डॉक्यूमेंट्री सीरीज ‘इंडियन प्रीडेटर: द बुचर ऑफ डेल्ही’ में तीन एपिसोड में एक सीरियल किलर के केस को दिखाया गया है। ‘इंडियन प्रीडेटर द बुचर ऑफ दिल्ली’ वेब सीरीज नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है और लोगों को पसंद भी आ रही है। इसमें दिखाया गया है कि सनकी सीरियल किलर चंद्रकांत झा ने दिल्ली में सिलसिलेवार किस तरह कई लोगों की हत्या कर डाली। दिल्ली पुलिस के रिकार्ड से पता चला है कि उसने एक शख्स की हत्या इसलिए की, क्योंकि उसने कहा था कि चंद्रकांत तुम मेरी बेटी को घुमाने मत ले जाओ। कुलमिलाकर वह जरा सी बात पर नाराज होकर लोगों की हत्या कर देता था। चंद्रकांत झा मूलरूब से मधेपुरा (बिहार) का रहने वाला था और दिल्ली आने से पहले ही वह हत्या कर चुका था। वह बिहार से ही दिल्ली आनेवाले लोगों को अपना दोस्त बनाता, और फिर किसी बात पर विवाद या अनबन हुई तो उसे मार डालता था।
आयशा सूद ने किया है वेब सीरीज का निर्देशन
यहां पर बता दें कि वेब सीरीज ‘इंडियन प्रीडेटर: द बुचर ऑफ दिल्ली’ का निर्देशन आयशा सूद ने किया है। दरअसल, यह डॉक्यूमेंट्री सीरीज है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे मूलरूप से बिहार का रहने वाला चंद्रकांत झा दिल्ली आकर एक हत्यारा और एक बेरहम सीरियल किलर बन गया।
वह न केवल लोगों का बेरहमी से कत्ल करता था, बल्कि उसके बाद शव के टुकड़े-टुकड़े कर देता था। उसकी दरिंदगी यहीं पर नहीं थमती थी, वह लोगों को मारने के बाद उनके शरीर के अंगों को शहर के चारों ओर फेंक देता था।
तिहाड़ जेल के बाहर शव रखकर दिया था दिल्ली पुलिस को चैलेंज
चंद्रकांत झा के भीतर दरिंदगी इस कदर घर कर गई थी कि वह बेखौफ और बददिमाग हो गया था। वर्ष 2006 में ठंड के मौसम में चंद्रकांत झा ने पहले तो एक शख्स की हत्या की फिर उसका शव तिहाड़ जेल के बाहर रख दिया। इसे दिल्ली पुलिस को खुला चैलेंज माना गया।
चिट्ठी लिखकर कहा था ‘पकड़कर दिखाओ’
दरअसल, 20 अक्टूबर को दिल्ली की तिहाड़ जेल के बाहर एक टोकरी में शव के कई टुकड़े मिले। इसमें एक चिट्ठी भी मिली, जिसमें लिखा था- अब तक मैं नाजायज केस झेलता रहा हूं, लेकिन इस बार मैंने सच में मर्डर किया है।तुम लोग मुझे कभी भी नहीं पकड़ पाओगे, मुझे केस खुलने का डर नहीं है। अगर मुझे इस मर्डर में पकड़ सको तो पकड़ कर दिखाओ, तुम्हारे इंतज़ार में तुम लोगों का बाप और जीजाजी, सीसी’। इसके साथ ही पूछताछ में उसने बताया था कि यमुना में सिर डालकर मैं इन सबका कल्याण कर रहा।