मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों के स्कूलों में सेवाएं दे रहे एसएमसी शिक्षकों के लिए पक्का समाधान निकाला जाएगा। ऐसी नीति बनाने का काम चल रहा है, जिसमें कोई कानूनी अड़चन न आए। वीरवार को राज्य सचिवालय के बाहर सैकड़ों शिक्षकों को आश्वस्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ और समय के लिए शिक्षकों को सरकार पर विश्वास रखना चाहिए। समाधान की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है।
शिक्षकों को कैजुअल और मेडिकल लीव का प्रावधान आगामी कैबिनेट में कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही इस तरह की स्थिति बनती रहती है। प्रदेश में सरकार बनने के बाद शिक्षकों जो हर संभवमदद हो सकती है, वह की है। पीटीए, पैट और पैरा शिक्षकों को पिछली सरकार ने चौराहे पर छोड़ दिया था। हमने सुप्रीम कोर्ट तक उनके पक्ष में लड़ाई लड़ी। एसएमसी शिक्षक भी विषम परिस्थितियों से गुजरे हैं।
एसएमसी की एक नीति के तहत शिक्षकों को नियुक्त किया गया है। नियमित शिक्षक के आने पर इनकी छुट्टी करने का प्रावधान था। हमें लगा यह ठीक नहीं है। एसएमसी शिक्षक जहां लगे हैं, वहां से उन्हें नहीं हटाने का फैसला लिया। एसएमसी शिक्षकों के लिए जिंदगी भर के लिए रास्ता निकालने का बजट में एलान किया है।
एसएमसी नीति का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है। एसएमसी शिक्षकों के लिए कानून के तहत नीति में क्या प्रावधान किया जा सकता है, उस पर काम जारी है। कैबिनेट में इस मामले पर चर्चा करेंगे। शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए पक्का काम किया जाएगा।