राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राष्ट्र के प्रति समर्पित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के गौरवशाली इतिहास को भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि संगठन से जुड़कर निश्चित ध्येय के लिए कार्य करना ही सच्चे कार्यकर्ता की पहचान है।
राज्यपाल ने मंगलवार को यहां ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् द्वारा परिषद् की जीवन गाथा पर आधारित दो खण्डों में प्रकाशित पुस्तक ‘ध्येय-यात्रा’ के विमोचन अवसर पर मुख्यातिथि के रूप मेें संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 1948 से आरम्भ हुई संगठन की यह ध्येय यात्रा आज वट् वृक्ष का रूप धारण कर चुकी है और जो इससे जुड़ा वह अपने आप को गौरवान्वित महसूस करता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद ने अपनी विचारधारा को कभी भी किसी राजनैतिक संगठन से नहीं जोड़ा। यही वजह रही कि सत्ता में हो या न हो, संगठन को कोई फर्क नहीं पड़ता। इसके विपरीत देश पर कभी भी कोई विपदा आई तो संगठन का हर कार्यकर्ता आगे आया है।
राष्ट्र के प्रति समर्पित इस विचार को विद्यार्थियों में प्रबल करने के लिए संगठन ने कड़ी मेहनत की है, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।
श्री आर्लेकर ने यशवंत राव केलकर और दत्तोपंत ठेंगड़ी के सानिध्य में बिताये क्षणों को याद करते हुए कहा कि संगठन का कार्यकर्ता किस रूप में कार्य करता है यह उनसे सीखने को मिला। उन्होंने आचरण से मार्गदर्शन किया, भाषण से नहीं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के त्याग से विद्यार्थी परिषद जैसा संगठन खड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि संगठन के कार्यों की तुलना किसी अन्य से नहीं की जा सकती। राष्ट्र भावना को बनाए रखने के लिए अनेक कार्यकर्ताओं ने जीवनदान दिया है। उन्होंने कहा कि संगठन से जुड़कर ध्येय और उद्देश्य का पता होना चाहिए और वह ध्येय पुस्तक के माध्यम से पाठकों के सामने लाया गया है। राज्यपाल ने इस अवसर पर सीमा ठाकुर द्वारा लिखी पुस्तक ‘जैंडर एण्ड सोसायटी’ का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो. नागेश ठाकुर, जो ए.बी.वी.पी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि परिषद ने विचार यात्रा में अपना योगदान दिया है। विद्यार्थी परिषद का ध्येय ऊंचा है इसलिए परिषद की यात्रा भी लंबी रही है। उन्होंने कहा कि परिषद ने राष्ट्र पुर्ननिर्माण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए और लम्बा सफर तय करना है। उन्होंने पुस्तक के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला तथा संगठन का उद्देश्य, कार्य और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की विस्तृत जानकारी दी।
एबीवीपी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री विजय प्रताप ने इस अवसर पर कहा कि पुस्तक के माध्यम से संगठन के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख किया गया है, जो समाज को दिशा देने वाला है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति निर्माण से समाज और राष्ट्र निर्माण होना चाहिए, जो इस पुस्तक के प्रकाशन का उद्देश्य है।
एबीवीपी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ शशिकांत ने राज्यपाल का स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने संगठन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की जानकारी दी।
प्रदेश सहमंत्री शिल्पा कुमारी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
शिमला की महापौर श्रीमती सत्या कौंडल तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।