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विश्व पर्यटक स्थल हेरिटेज विलेज गरली-प्रागपुर में स्पोर्ट टूरिज्म को विकसित करने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा शीघ्र सर्व सुविधायुक्त गोल्फ कोर्स फील्ड (खेल मैदान) का निर्माण कराया जाएगा। जहां विश्व भर के गोल्फ खिलाड़ी आकर अपने खेल का प्रदर्शन करेंगे। इस खेल मैदान के बन जाने से हेरिटेज विलेज गरली-प्रागपुर को विश्व में गोल्फ टूरिज्म के नाम से भी नई पहचान मिलेगी। इसके लिए जिला कांगड़ा प्रशासन ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के जिला कांगड़ा को बनाएंगे टूरिज्म राजधानी के ऐलान के बाद गरली की नक्की खड्ड के साथ लगती 10. 75 हेक्टेअर ( 27 एकड़ ) सरकारी जमीन चिन्हित की है। यही नहीं इस जमीन का सर्वेक्षण करने के लिए नालदेहरा गोल्फ कोर्स के विशेषज्ञों की टीम ने इस जमीन का दौरा कर चुकी है। इस विशेषज्ञ टीम ने उचित स्थान बताया है। आगे जो भी औपचारिकताएं होंगी उन्हें शीघ्र पूरा किया जाएगा।
पर्यटन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर विनय धीमान ने बताया कि जिला कांगड़ा के गरली गांव की नक्की खड्ड साथ लगती 10. 75 हेक्टेअर जमीन चिन्हित की है। यह जमीन सरकारी है ऐसे में इसके डेवल्पमेंट में अधिक समय नहीं लगेगा। नालदेहरा गोल्फ कोर्स के विशेषज्ञों की टीम की निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर प्रपोज़ल अंतिम मंज़ज़ूरी के लिए सरकार को प्रेषित की है।
तेजी से बढ़ेगा पर्यटन व्यवसाय
जिला कांगड़ा के गरली में गोल्फ मैदान तैयार हो जाने के बाद यहां विश्व भर के खिलाड़ी व खेल प्रेमी आएंगे। जिससे हेरिटेज विलेज गरली-प्रागपुर का पर्यटन व्यवसाय तो बढ़ेगा ही, यहां से नादौन ब्यास नदी के किनारे वाटर स्पोर्ट्स, मीग्रेटेड बर्ड वाचिंग , कलेश्वर महादेव और जवालामुखी में भी पर्यटक आसानी से पहुंचेगे। जिससे व्यवसाय बढ़ेगा। अभी जयपुर, जम्मू, कश्मीर, दिल्ली आदि में गोल्फ के लिए विश्व भर से चार्टर्ड विमान आते हैं। यहां भी आएंगे। हेरिटेज विलेज गरली-प्रागपुर टूरिज्म के नाम से एक नई पहचान मिलेगी।
गरली, हिमाचल प्रदेश हेरिटेज विलेज की खासियत है इसका फ्यूजन वास्तुकला। वर्ष 1800 के अंत और 1900 की शुरुआत में गरली एक अग्रणी गांव था। गांव के संस्थापकों ने लड़कों और लड़कियों के लिए शैक्षणिक संस्थान, एक महिला अस्पताल, एक पशु चिकित्सालय और साथ ही स्वच्छता और जल कार्यों के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण किया किया था। गरली में खूबसूरत हवेलियां कभी सूद जाति के धनी व्यापारियों के घर हुआ करती थीं। यहां की वास्तुकला में यूरोपीय प्रभाव भी दिखाई देता है। यहां का शैटो और नौरंग यात्री निवास प्रसिद्ध हेरिटेज होटलों में से शुमार हैं। होटल संलयन फ्यूजन आर्किटेक्चर का सबसे अच्छा उदाहरण है।