पहाड़ों की रानी में तकरीबन 175 साल बाद ‘ढली टनल’ का प्रतिस्थापन होने जा रहा है। 1852 में बनी सुरंग की लंबाई 560 फीट थी। निर्माण के वक्त सुरंग के ऊपर कोई भी मकान नहीं था। लेकिन धीरे-धीरे आधुनिकीकरण ने पुरानी टनल के ऊपरी हिस्से को भी निर्माण की जद में ले लिया।
बहरहाल, स्मार्ट सिटी मिशन के तहत पुरानी सुरंग के समानांतर ही 147 मीटर लंबी नई सुरंग तैयार हो गई है। अच्छी खबर ये भी है कि ढली की नई डबल लेन टनल को क्रिसमस के मौके पर आवाजाही के लिए खोला जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा क्रिसमस के अवसर पर स्मार्ट सिटी मिशन के मेगा प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया जा सकता है।
हिमाचल प्रदेश अधोसंरचना विकास निगम द्वारा सुरंग में वाहनों की आवाजाही का ट्रायल भी किया जा चुका है।खास बात ये भी है कि नई सुरंग में हिमाचल की संस्कृति को उकेरा गया है। प्रवेश द्वार को भी खूबसूरत चित्रकारी से मनमोहक बनाया गया है।
बता दें कि हाल ही में आपदा के दौरान हिमाचल की राजधानी शिमला को भी गहरे जख्म मिले थे। नई सुरंग पर भी पानी का रिसाव शुरू हुआ था। खैर, 175 साल बाद सुरंग का प्रतिस्थापन हो गया है। नई सुरंग का निर्माण विदेशी तकनीक से किया गया है। सुरंग को सड़क से जोड़ने के लिए पुल भी बनेगा। साथ ही 400 मीटर सड़क भी बनाई जाएगी। इसमें 28 मीटर का डक भी होगा।
बहरहाल, नई सुरंग के वजूद में आने से शिमला में ट्रैफिक समस्या से भी निजात मिलेगी। पुरानी सुरंग सिंगल लेन थी, जबकि नई डबल लेन है। लगभग 53 करोड़ की लागत से नई टनल का निर्माण कार्य इसी साल 11 मार्च को शुरू हुआ था। 9 महीने के भीतर ही नई सुरंग का लोकार्पण 25 दिसंबर को होने जा रहा है।