Manimahesh Yatra 2022, उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा पर पहुंच रहे शिव भक्तों के लिए संकट बने प्रंघाला मार्ग की राह आसान होने की उम्मीद फिर धूमिल हो गई। भरमौर के विधायक ने रात करीब आठ बजे पुल को उद्घाटन कर दिया तो मणिमहेश श्रद्धालुओं को आस बंधी की अब उनकी राह आसान होगी। लेकिन ऐसा कतई नहीं हुआ। विधायक महोदय आधे अधूरे पुल का ही उद्घाटन करके चले गए। सोमवार सुबह फिर से पुल को बंद कर दिया गया। मौके पर मौजूद ठेकेदार व लेबर का कहना था कि अभी तो पुल का काम अधूरा है।
भारी वर्षा के बीच लगातार हो रहा भूस्खलन श्रद्धालुओं की राह में रोड़ा बन रहा है। साथ ही हर रोज भूस्खलन से बंद हो रहे खतरे भरे मार्ग को खोलने में विभाग को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ रही थी। रविवार को भरमौर के विधायक जिया लाल कपूर ने बैली प्रंघाला पुल का लोकार्पण किया। लेकिन इसका शिव भक्तों सहित स्थानीय लोगों को अभी लाभ नहीं मिल पाया है।
चट्टानें गिरने से टूट गया था पुल
आठ अगस्त को हुई भारी बारिश के बीच हुए भूस्खलन के साथ भारी भरकम चट्टानों की चपेट में आने से बैली-प्रंघाला नाले पर निर्माणाधीन पुल टूट गया था। उक्त स्थल पर लगातार हो रहे भूस्खलन व पत्थर गिरने के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने कुछ दिन के लिए यात्रा के साथ वाहनों व पैदल यात्रियों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया था। 18 अगस्त से अधिकारिक यात्रा शुरू हुई। उसके बाद पुलिस सहित अन्य टीमें भी वहां पर तैनात की गईं लेकिन फिर से भूस्खलन होता रहा। ऐसे में कई बार सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन को यात्रा रोकनी पड़ी।
लोक निर्माण विभाग भरमौर के अधिशाषी अभियंता संजीव महाजन का कहना है प्रंघाला नाले में बने बैली बृज का शुभारंभ होने से हजारों शिव भक्तों को काफी राहत मिलेगी। चट्टान की चपेट में आने से यह पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। कुछ कार्य शेष बचा है, उसे पूरा करने के बाद आवाजाही सुचारू हो जाएगी।