राजोल से कुठमां तक फोरलेन की स्थिति स्पष्ट करे सरकार
निर्माण सामग्री हो रही महंगी, लोगों को सता रही चिंता
धर्मशाला कांगड़ा में बन रहे फोरलेन को लेकर जहां मुआवजे को लेकर प्रभावित असमंजस में हैं, वहीं कई स्थल ऐसे हैं, वहां के लोगों को अभी तक फोरलेन की स्थिति सरकार ने स्पष्ट नहीं की है। फोर लेन की जद में सियूंह से राजोल तक के लोगों को अब तक आए मकानों का मुआवजा नहीं मिला है।
जिला कांगड़ा युवा कांग्रेस अध्यक्ष पंकज कुमार पंकु ने जारी पे्रेस बयान में कहा कि राजोल से कुठमां तक जो घर, मकान व संपत्तियां फोरलेन की जद में आ रही हैं, उनके बारे में सरकार स्थिति स्पष्ट करे। वहीं जो संपत्तियां जद में आ चुकी हैं, उन्हें जल्द मुआवजा दिया जाए, क्योंकि निर्माण सामग्री लगातार महंगी होती जा रही है। उन्होंने कहा कि ज्वाली उपमंडल के अंतर्गत 32 मील से शाहपुर उपमंडल के सियूंह तक फोरलेन की जद में आए लोगों को सरकार ने पैसे डाल दिए हैं,
जबकि राजोल से कुठमां तक जो जमीन अधिग्रहित की जानी है, उसको लेकर लोगों में असमंजस बना हुआ है। लोगों का कहना है कि सरकार इसी तरह से लेटलतीफी करती रही तो महंगाई बढऩे के चलते उन्हें विस्थापित होने के बाद पुर्नस्थापित होना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सीमेंट, सरिया, रेत, बजरी, क्रशर की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, ऐसे में लोग चिंतित हैं कि जब तक मुआवजा मिलेगा, तब तक निर्माण सामग्री की कीमतें न जाने कहां पहुंच जाएं।
पंकज कुमार पंकु ने कहा कि एनएचएआई ने जो अधिसूचना जारी की है, उसके तहत यदि फोरलेन की जद में किसी की भूमि आ रही है और उसमें से कुछ भूमि फोरलेन में ली जाती है, जबकि शेष भूमि संबंधित भू-मालिक बेच नहीं सकता, इस तरह की व्यवस्था की गई है, जिसको लेकर लोगों में रोष है। यह कैसा कानून है कि लोग अपनी ही भूमि को बेच नहीं सकते। उन्होंने सरकार से इस ओर भी ध्यान देकर फोरलेन की जद में आ रहे लोगों को राहत प्रदान करने की मांग की है।