हिमाचल के जिला शिमला शहर में प्राइवेट और सरकारी बसों के लिए अब नया ज्वाइंट टाइम टेबल बनेगा। शिमला प्राइवेट बस ड्राइवर कंडक्टर ऑपरेटर यूनियन के महासचिव अखिल गुप्ता का कहना है कि टाइम टेबल होने से सरकारी और प्राइवेट बसों में किसी तरह का विवाद नहीं रहेगा। यह परिवहन विभाग का अच्छी पहल है, जल्द से जल्द टाइमिंग को लेकर स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।
बता दे कि ऐसे में अब ज्वाइंट टाइम टेबल बनने से न ताे HRTC काे दिक्कत हाेगी और न ही प्राइवेट बस ऑपरेटरों काे हाेगी। इसके अलावा जाम की समस्या भी नहीं हाेगी, क्योंकि अपने रूटाें पर अगर समय पर बसें चलेगी ताे वह बेतरतीब ढंग से सड़काें पर खड़ी नहीं हाेगी। पुलिस के अधिकारी, बस ऑपरेटर और HRTC के अधिकारियों की जल्द एक बैठक होगी। इसमें परिवहन विभाग, निजी और सरकारी बसों को दिए गए टाइम टेबल पर पूर्णतः स्पष्ट करना चाहता है कि इसमें किसी तरह की कोई गड़बड़ नहीं है। साथ ही आगामी दिनों में रूटों पर जो भी बसें चलेंगी, वह नियमों के अनुसार ही चल सके। परिवहन विभाग ने पहले भी यह स्पष्ट किया है कि यह स्पष्ट किया गया है कि सरकारी और निजी बसों को एक समान रूट परमिट दिए गए हैं। टाइम टेबल भी एक तरह के ही हैं। ऐसे में जिस भी टाइम टेबल में गड़बड़ी है, उसे ठीक किया जाएगा।
इसलिए ज्वाइंट टाइम टेबल की पड़ी जरूरत
शिमला शहर के लोकल रूटों में लगभग 106 निजी 80 के करीब सरकारी बसें चल रही हैं। निगम की कई बसें दूर के उपनगर रूटों पर भी जाती हैं। ऐसे में इस रूट पर एक तरफा ही कमाई निगम की होती है। शहर में समरहिल, संजौली, लक्कड़ बाजार, पंथाघाटी, मैहली और BCS के लिए निजी सरकारी दोनों बसें जाती हैं। इन बसों की टाइमिंग में सिर्फ एक या दो मिनट का अंतर होता है। आए दिन सरकारी बस के ड्राइवर कंडक्टर शिकायत करते हैं कि उनकी टाइमिंग के दौरान निजी बस चालक सवारियों को भर लेते हैं।