धर्मशाला: हिमाचल को पंजाब से जोडऩे वाला बेहद अहम चक्की पुल आखिर बड़े वाहनों के लिए बहाल हो गया है। कुल 25 दिन के लंबे इंतजार के बाद चक्की पुल को भारी वाहनों के लिए खोल दिया गया है। रविवार सुबह 6 बजे से चक्की पुल पर बड़े वाहनों की आवाजाही शुरू होने से हिमाचल और पंजाब में रौनक लौट आई। इससे पहले शनिवार शाम एनएचएआइ की टीम ने चक्की पुल का निरीक्षण किया तथा एनएचएआइ के परियोजना निदेशक कर्नल अनिल सेन ने चक्की पुल को बड़े वाहनों के लिए खोलने की रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी थी।
इस पर प्रशासन ने एनएचएआइ की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए चक्की पुल को रविवार सुबह 6 बजे भारी वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया। गौर रहे कि चक्की पुल में बाढ़ आने व जलस्तर बढऩे से पुल के दो पिल्लर पी-1 व पी-2 खतरे की चपेट में आ गए थे तथा लोगों की व पुल की सुरक्षा के लिए एनएचएआई ने 24 अगस्त को तुरंत प्रभाव से यातायात बंद करने की रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी थी। प्रशासन ने तुरंत चक्की पुल पर यातायात बंद कर दिया दिया था।
इसके बाद एनएचएआइ की टीम सेना की मदद से पुल के संवेदनशील पिल्लरों को बचाने में जुट गई। इसके तहत पहले चरण में भारी मशीनों के साथ पानी का बहाव मोडऩे का काम शुरू हुआ लेकिन बीच बीच में चक्की खड्ड में बाढ़ आने से काम बाधित होता रहा। पानी का बहाव मोडऩे के बाद एनएचएआइ व सेना पिल्लरों की सुरक्षा में जुट गए।
एनएचएआइ ने 11 सितंबर को चक्की पुल का निरिक्षण किया व पुल को 12 सितंबर से हल्के यात्री वाहनों के लिए खोलने की रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी तथा प्रशासन ने 12 सितंबर को चक्की पुल हल्के यात्री वाहनों के लिए खोल दिया। मंडी-पठानकोट एनएच पर बना चक्की पुल पंजाब और हिमाचल को जोड़ता है। इसी पुल से दोनों राज्यों के बीच आवाजाही व खाद्य पदार्थों सहित अन्य जरूरी साजो सामान की सप्लाई होती है।
जिला कांगड़ा के सीमावर्ती क्षेत्र के लोग रोजी-रोटी के लिए रोजाना इसी पुल से आवाजाही करते हैं। इसके अलावा सामरिक दृष्टि से भी यह पुल बेहद महत्वपूर्ण है। बहरहाल चक्की पुल के जरिए हिमाचल से पंजाब जाना आसान हो गया है।