मैक्लोडगंज स्थित
तिब्बतियों के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि मैं मानसिक और शारीरिक तौर पर पूर्णतया स्वस्थ हूँ। मन की शांति और शारीरिक तंदुरूस्ती का गहरा संबंध है। बौद्ध धर्म केवल तिब्बत में ही नहीं बल्कि मंगोलिया और चाइना में भी फ़ैल रहा है। विशेष प्रार्थना से महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं से मन को बल मिलता है। यही कारण है कि मैं बौद्ध दर्शन से न केवल अपना भला कर रहा हूँ बल्कि दूसरों का भी भला कर रहा हूँ। यह उद्गार दलाई लामा की दीर्घायु के लिए बुधवार को मैक्लोडगंज स्थित चुगलाखांग बौद्ध मठ में दीर्घायु व अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए आयोजित विशेष प्रार्थना सभा में दलाई लामा ने व्यक्त किए। नामग्याल बौद्ध मठ के भिक्षुओं ने नेचुंग ओरेकल कुतेन ला की उपस्थिति में विशेष पूजा अर्चना कर धर्मगुरु की दीर्घायु व अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। तिब्बत के स्टेट ओरेकल नेचुंग की उपस्थिति में उनकी पूजा की गई। नेचुंग ओरेकल दूसरे दलाई लामा के बाद से दलाई लामा के व्यक्तिगत दैवज्ञ है। नेचुंग ओरेकल तिब्बत में नेचुंग मठ के नामित प्रमुख हैं।
इस पूजा में दलाई लामा स्वयं उपस्थित हुए। इस दौरान उनकी 10 हजार कल्प आयु की कामना की गई। पूजा में सैकड़ों की संख्या में विभिन्न क्षेत्रों से आए तिब्बतियों ने पारम्परिक वेशभूषा में दलाई लामा का आशीर्वाद प्राप्त किया। विदेशी पर्यटकों ने भी दलाई लामा के दर्शन किए और उनकी लंबी आयु के लिए कामना की। दीर्घायु की कामना के बाद दलाई लामा ने विशेष पूजा से अर्जित पुण्य का वितरण सभी श्रद्धालुओं में आशीर्वाद के रूप में किया। इसके कारण यहां उत्सव का माहौल बना रहा। तिब्बतियन इंस्टीच्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट के कलाकारों ने इस अवसर पर लोक गीत गाए और नृत्य पेश किया। श्रद्धालु प्रार्थना और आनुष्ठानिक नृत्य में डूबे रहे। दलाई लामा के समक्ष आनुष्ठानिक नृत्य शुरू हुआ। विभिन्न पारंपरिक परिधानों में हजारों बौद्ध श्रद्धालुओं के समक्ष अपनी प्रस्तुति दी। इस दौरान श्रद्धालु ताली बजाकर प्रस्तुति दे रहे लोगों का उत्साह बढ़ाते रहे। दलाई लामा ने सभी का हाथ उठाकर अभिवादन स्वीकार किया। दलाई लामा की दीर्घायु के लिए विशेष प्रार्थना केंद्रीय तिब्बती प्रशासन द्वारा तिब्बत के अंदर और बाहर रह रहे सभी तिब्बतियों की ओर से मैक्लोडगंज के मुख्य तिब्बती बौद्ध मठ में आयोजित की गई।