फर्जी डिग्री मामला
फर्जी डिग्री मामले में फंसा मानव भारती निजी विश्वविद्यालय बंद कर दिया जाएगा। निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने एक बैठक में इस विवि को बंद करने संबंधी प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए प्रदेश सरकार को भेज दिया।
फर्जी डिग्री मामले में फंसा मानव भारती निजी विश्वविद्यालय जून में बंद कर दिया जाएगा। निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने एक बैठक में इस विवि को बंद करने संबंधी प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए प्रदेश सरकार को भेज दिया है। वर्तमान में इस विवि में 49 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इनमें से 25 जून में पासआउट हो जाएंगे। शेष 24 को अन्य विश्वविद्यालयों में शिफ्ट किया जाएगा। निजी संस्थान में अध्यापन स्टाफ की भारी कमी है। पुलिस एसआईटी से लेकर ईडी, इनकम टैक्स एजेंसियां फर्जी डिग्री मामले की जांच कर रही हैं। पुलिस जांच में 46 हजार के करीब फर्जी डिग्रियां 12 राज्यों में आवंटित करने का आरोप है।
संस्थान के कहने पर एजेंट फर्जी डिग्री दिलाने का सौदा करते थे। जिन 12 राज्यों में फर्जी डिग्रियां बेची गई हैं, उनमें हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, केरल, पंजाब, उत्तर प्रदेश और बंगलूरू शामिल हैं। फर्जी डिग्रियां बेचने का यह खेल 2010 से चल रहा है। मामले में विवि के मालिक राजकुमार राणा, उसकी पत्नी, रजिस्ट्रार, अकाउंटेंट, सात एजेंट और ट्रस्ट के सदस्यों समेत 20 लोगों को आरोपी बनाया गया है। अभियोजन विभाग से मंजूरी के बाद इन्हें हाईकोर्ट में पेश किया जाना है।
गौर हो कि विश्वविद्यालय को इंजीनियरिंग एंड टेक्नालॉजी, कंप्यूटर साइंस, मैनेजमेंट, फार्मासिस्ट, ह्यूमिनिटी कोर्स कराने की मान्यता दी थी। इसके लिए सीटें निर्धारित थीं, लेकिन विश्वविद्यालय ने सीटों से ज्यादा छात्रों को दाखिला दिया। इसके अलावा ऐसे भी कोर्स करा दिए, जिन्हें करवाने की विवि ने अनुमति नहीं ली थी। फर्जी डिग्री मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने फाइनल चार्जशीट तैयार कर ली है। निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की बैठक में मानव भारती निजी विश्वविद्यालय को जून से बंद करने का फैसला लिया गया है। प्रस्ताव मंजूरी के लिए सरकार को भेज दिया है।