गरीबी के दौर से बाहर निकलकर भारत विश्व में आज आत्मविश्वास से भरे देश के रूप में अपना स्थान बना चुका है और वैश्विक व्यवस्था में उसने सकारात्मक प्रभाव डाला है। इस भरोसे के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर समेत अन्य राष्ट्र निर्माताओं ने जिन उम्मीदों के साथ राष्ट्र की रूपरेखा बनाई थी, उसमें हम काफी हद तक सफल रहे हैं।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का देश के नाम संबोधन
राष्ट्रपति के रूप में गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर अपने पहले संबोधन में मुर्मु ने कहा कि महात्मा गांधी ने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का उत्थान करने का जो आदर्श हमें दिया था, उसे पूरी तरह साकार करना अभी बाकी है, लेकिन हमने हर क्षेत्र में असाधारण प्रगति हासिल की है। कोरोना की महामारी के काल में भी हमने किसी भी गरीब को खाली पेट सोने नहीं दिया।
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर राष्ट्रपति ने जताई खुशी
राष्ट्रपति के अनुसार, आर्थिक प्रगति सबसे उल्लेखनीय रही है। पिछले दिनों भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना। यह उपलब्धि कठिन समय में प्राप्त की गई है। महामारी का आर्थिक विकास पर असर पड़ा है। आर्थिकी के अधिकांश क्षेत्र महामारी के क्षेत्र से बाहर आ गए हैं। राष्ट्रपति ने कई तरह की प्रोत्साहन योजनाओं का हवाला देते हुए कहा महामारी का मुकाबला सरकार के सक्रिय प्रयासों से हुआ।