आतंकवाद खत्म कर जम्मू कश्मीर में शांति लाने का केंद्र सरकार का प्रयास रंग लाने लगा है। आतंकी हमले की घटनाओं में कमी दर्ज होने के साथ-साथ आम लोगों की जान भी अब पहले से ज्यादा सुरक्षित हो गई है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद आतंकी कार्रवाई में आम लोगों के मारे जाने की संख्या में आशानुरूप में कमी आई है।
सूचना के अधिकार के तहत मिला जवाब उत्साह बढ़ाने लायक
सूचना अधिकार कार्यकर्ता अजय बोस केंद्रीय गृह मंत्रालय से सूचना के अधिकार के तहत इस संबंध में जानकारी मांगी थी। गृह मंत्रालय से मिला जवाब उत्साह बढ़ाने वाला है। इसके मुताबिक पिछले तीन वर्षों में आतंकियों ने 118 लोगों की हत्या की, जिसमें छह कश्मीरी पंडित, 16 सिख शामिल हैं। ये आंकड़े पांच अगस्त, 2019 से 22 जुलाई 2022 के बीच के हैं। इन आंकड़ों की तुलना अगर 2019 से तीन साल पहले तक करें तो हत्या का आंकड़ा दहलाने वाला था।
आम लोगों की हत्या का मामला हुआ कम
गृह मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पांच अगस्त, 2016 से चार अगस्त 2019 के बीच 3686 आतंकी वारदात हुई। इसमें 930 आतंकी घटनाएं शामिल हैं। इन घटनाओं में 290 जवान बलिदान हुए। 191 आम लोगों की जान चली गई थी। ऐसे में अनुच्छेद 370 हटने के बाद आम लोगों की हत्या का मामला कम हुआ है।
मृतकों के स्वजन को दी जा रही है मदद
मृतकों के स्वजन को दी जा रही मदद आतंकियों की कायराना हरकत के शिकार लोगों के स्वजन को राज्य प्रशासन की ओर से एक लाख रुपये तो केंद्रीय योजना के तहत पांच लाख रुपये दी गई है।