भारत-अमेरिका व्यापार नीति फोरम की वॉशिंगटन में होने वाली अहम बैठक में ज्यादा प्रगति होने की संभावना नहीं है। व्यापार विशेषज्ञों ने दोनों देशों के बीच मतभेदों को देखते हुए ये कयास लगाया है। उम्मीद है कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच व्यापार वार्ता शुरू होगी। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, 2021-22 में अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 119.42 अरब अमेरिकी डॉलर था। वहीं, 2020-21 में ये 80.51 अरब अमेरिकी डॉलर था।
कैथरीन ताई के साथ द्विपक्षीय बैठक
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल आधिकारिक अमेरिकी यात्रा पर हैं। उन्होंने सोमवार को न्यूयॉर्क में निवेश और वित्तीय दिग्गजों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं। पीयूष गोयल 11 जनवरी को वाशिंगटन में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई की तरफ से आयोजित की जा रही 13वीं व्यापार नीति फोरम (TPF) बैठक में भाग लेंगे। ताई के साथ गोयल द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे।
व्यापार और निवेश संबंधों को आगे बढ़ाने का मंच है TPF
टीपीएफ व्यापार के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच निरंतर जुड़ाव और द्विपक्षीय व्यापार के साथ ही निवेश संबंधों को आगे बढ़ाने का एक मंच है। 12वीं टीपीएफ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन चार साल बाद पिछले साल 23 नवंबर को नई दिल्ली में हुआ था।
क्या कहते हैं जानकार
दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के पूर्व सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (USTR) मार्क लिंसकोट ने कहा, ”द्विपक्षीय व्यापार समस्याओं, माल और सेवाओं लेकर चर्चा पर जोर रहेगा। इसके साथ ही ‘लचीला व्यापार’ पर नए कार्य समूह के रुप में एजेंडे के विशिष्ट क्षेत्रों जैसे श्रम, पर्यावरण और अच्छी नियामक प्रथाओं की नए सिरे से रूपरेखा बनेगी।”
आत्मान त्रिवेदी ने ओबामा प्रशासन के दौरान अमेरिकी वाणिज्य विभाग में वैश्विक बाजारों में नीति के वरिष्ठ निदेशक के रूप में कार्य किया था। उन्होंने कहा कि टीपीएफ से मामूली उम्मीदें हैं। हितधारकों के साथ ठोस परिणामों पर एक शिखर सम्मेलन की उम्मीद कम है।
मास्टरकार्ड में वैश्विक सार्वजनिक नीति के निदेशक आनंद रघुरामन ने कहा कि वॉशिंगटन और नई दिल्ली डिजिटल व्यापार के क्षेत्रों पर चर्चा करने के लिए टीपीएफ का उपयोग करना बुद्धिमानी होगी। भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान संभावित डिजिटल सहयोग को आगे बढ़ाना चाहिए।