सेना दिवस से पहले सेनाध्यक्ष मनोज पांडे ने साल की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने चीन से सीमा विवाद, जम्मी-कश्मीर के हालातों और अन्य कई मुद्दों पर जवाब दिया है। आर्मी चीफ ने पड़ोसी चीन से सीमा विवाद पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि चीन से सटी सीमा पर हालात फिलहाल स्थिर हैं। तो वहीं लद्दाख में चीन के साथ 7 में से 5 जगहों पर विवाद सुलझा लिया गया है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि उत्तरी सीमाओं पर हालात स्थिर हैं लेकिन कुछ अनुमानित भी नहीं है। उन्होंने बताया कि हम चीन से सात मुद्दों में से पांच को हल करने में सफल रहे हैं। हालांकि सेना चीन से सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत जारी रखेगी। सेनाध्यक्ष मनोज पांडे ने बताया कि हमारी सेना किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। सेना के पास पर्याप्त भंडार है।
सीमा पार से आतंकियों को मिल रहा है सर्मथन
सेनाध्यक्ष मनोज पांडे ने जम्मू और कश्मीर की स्थिति के बारे में भी बात की है। उन्होंने कहा कि जहां तक जम्मू और कश्मीर की स्थिति का सवाल है, फरवरी 2021 में हुआ संघर्ष विराम की समझ अच्छी तरह से चल रही है। उन्होंने कहा कि सीमा पार से अभी भी आतंकवाद और आतंकी ढांचे को समर्थन मिल रहा है। इसके अलावा उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुरक्षा के बारे में भी बात की है। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्यों में शांति लौट आई है। आर्थिक गतिविधियों और विकास की पहल के अच्छे परिणाम मिले हैं। सेनाध्यक्ष मनोज पांडे ने इस साल के सेना दिवस को खास बताया है। उन्होंने कहा कि यह सेना दिवस इसलिए भी खास है क्योंकि यह आजादी का 75वां साल भी है।
जोशीमठ भू-धंसाव पर बोले आर्मी चीफ
उत्तराखंड के जोशीमठ में स्थिति बेहद खराब है। जोशीमठ के अधिकांश क्षेत्रों में दरारें आ गई हैं। जिससे लोगों को अपना घर छोड़कर पलायन करना पड़ रहा है। हालांकि जोशीमठ की स्थिति पर भी आर्मी चीफ मनोज पांडे ने जवाब दिया है। जोशीमठ भू-धंसाव पर सेना प्रमुख ने कहा कि हमने अस्थाई तौर पर अपने जवानों को स्थानांतरित किया है। 25-28 सेना की इमारतों में मामूली दरारें आ गई हैं। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम औली में अपने जवानों को स्थाई तौर पर तैनात करेंगे। जोशीमठ से माणा जाने वाली रोड पर कुछ दरारों को BRO ठीक कर रहा है। तो वहीं उन्होंने यह भी कहा कि इससे हमारी ऑपरेशनल रेडीनेस पर कुछ असर नहीं पड़ा है। उन्होंने आगे कहा कि जहां तक स्थानीय लोगों को मदद पहुंचाने की बात है तो हमने अपने अस्पताल, हेलीपैड आदि सिविल प्रशासन को दिए हैं जिससे वे लोगों को अस्थाई तौर पर लोगों को स्थानांतरित कर सकें।