हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के बेटे और शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह मुसीबत में फंस गए हैं। घरेलू हिंसा के मामले में उनके खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किया है। विक्रमादित्य सिंह की पत्नी सुदर्शना ने उदयपुर कोर्ट में 17 अक्टूबर 2022 को इसकी शिकायत दर्ज की थी। मामले में पहली सुनवाई 17 नवंबर को हुई थी। सुनवाई के बाद अतिरिक्त मुख्य न्याय दंडाधिकारी (ACJM) उदयपुर की अदालत ने विक्रमादित्य सिंह के अलावा उनकी मां प्रतिभा सिंह, ननद अपराजिता सिंह ननदोई अंगद सिंह और चंडीगढ़ की रहने वाली अमरीन को भी गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। शिकायत में जिस अमरीन का जिक्र है, उसके साथ विक्रमादित्य के अफेयर का आरोप है।
अदालत में सभी प्रतिवादियों को पेश होने के लिए कहा गया है। महिला संरक्षण अधिनियम की धारा 20 के तहत सुदर्शना सिंह ने घरेलू हिंसा की उदयपुर कोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई थी। इस शिकायत में शादी के बाद ससुराल में मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
विक्रमादित्य की मां प्रतिभा सिंह पर भी आरोप
सुदर्दशना ने शिकायत में यह लिखा है कि शादी के कुछ समय बाद ही विक्रमादित्य सिंह ने उनको मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। इसके अलावा दहेज की मांग को लेकर भी मानसिक रूप से परेशान करने की बात शिकायत में लिखी गई है। वहीं सास प्रतिभा सिंह पर आरोप है कि वह सुदर्शना के परिवारवालों को ताने देती थीं।
प्रतिभा सिंह ने नहीं लिया कोई ऐक्शन
विक्रमादित्य अपनी पत्नी को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं यह बात प्रतिभा सिंह अच्छे से जानती थी फिर भी उन्होंने विक्रमादित्य का ही साथ दिया यह बात भी शिकायत पत्र में लिखी गई है। पति और सास के अलावा सुदर्शना ने ननद और ननदोई पर भी परेशान करने के आरोप लगाए हैं। सुदर्शना ने शिकायत में चंडीगढ़ की अमरीन का जिक्र भी किया है। उसे लेकर आरोप है कि विक्रमादित्य का उनके साथ अफेयर है।
2019 में सुदर्शना की हुई थी शादी
विक्रमादित्य की शादी 8 मार्च 2019 को सुदर्शना के साथ हुई थी। सुदर्शना राजस्थान के मेवात वंश की राजकुमारी हैं। यह शादी उदयपुर के के कानोता गांव में कनोतागढ़ पैलेस से हुई थी। राजकुमारी सुदर्शना सिंह ने सोफिया कॉलेज मुंबई से समाजशास्त्र में मास्टर्स किया है। उन्होंने इंटीरियर डिजाइनिंग का कोर्स भी किया है।
आरोप है कि शादी के बाद से ही ससुराल में सुदर्शना के साथ प्रताड़ना शुरू हुई थी लेकिन दोनों परिवार के रसूख को देखते हुए सुदर्शना ने चुप रहना ही उचित समझा। सुदर्शना ने शिकायत पत्र में लिखा है कि उन्हें यह लगा था कि अगर वह चुप रहेगी तो शायद विक्रमादित्य सिंह का व्यवहार बदल जाएगा लेकिन समय के साथ उनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया।