शिमला
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि बरसात में क्षतिग्रस्त हुई सडक़ों का निर्माण युद्ध स्तर पर छेड़ा गया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार नेरी पुल के माध्यम से छैला से यशवंतनगर सडक़ को मजबूत करने को प्राथमिकता दे रही है। सेब सीजन के दौरान बागबानों के सामने आने वाली किसी भी बाधा को ध्यान में रखते हुए सेंट्रल रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (सीआरआईएफ) के तहत इसके लिए 70 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत की परियोजना का एक प्रस्ताव तैयार किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षतिग्रस्त सडक़ों की शीघ्र बहाली के लिए युद्धस्तर पर मरम्मत कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार एक डिस्टिलरी स्थापित करने पर भी विचार कर रही है ताकि निम्न गुणवत्ता के सेब से भी बागवान लाभ अर्जित कर सकें। इस पहल का उद्देश्य उन सेबों का उपयोग करना है, जो बाजार के ताजा उपज मानकों को पूरा नहीं कर सकते हैं। डिस्टिलरी की स्थापना से सरकार निम्न गुणवत्ता वाले बागबानी उत्पादों को मूल्यवान संसाधन के रूप में प्रसंस्कृत करेगी, ताकि उत्पादकों की आय में वृद्धि हो सके। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार सेब उत्पादकों को शोषित करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ अपने रुख पर कायम है।
मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद आढ़ती संघ ने पुरानी व्यवस्था के आधार पर सेब तोलने या खरीदने पर सहमति जताई। गुरुवार देर सायं आढ़ती संघ के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सेब उत्पादकों को सुविधा प्रदान करने और उनकी उपज के लिए एक सुचारू परिवहन सुविधा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। भारी बारिश के बाद सरकार सेब उत्पादक क्षेत्रों में सडक़ों की बहाली पर ध्यान दे रही है।