पितर अपने वंशजों से सीधे संवाद नहीं कर सकते लेकिन जीवन में होने वाली कुछ अच्छी और बुरी घटनाओं से वह अपने भाव प्रकट करते हैं. पितर अगर प्रसन्न हो तो जीवन में सुख-समृद्धि, संपन्न्ता आती है. वहीं पितरों के नाराज होने पर जिंदगी से सुख-चैन छिन जाता है. कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
पितर अगर प्रसन्न हो तो आकस्मिक धन की प्राप्ति होती है. लंबे समय से अटके हुए कार्य पूर्ण हो जाते हैं. पितृ पक्ष में परिजनों द्वारा किए श्राद्ध से अगर पितर खुश होते हैं तो कुछ संकेत स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं. इन संकेतों को पितरों की प्रसन्नता और सुंतष्टि का संकेत माना जाता है.
पितृ पक्ष में अगर कौआ घर की छत पर बैठे दिखाई दे या फिर कौआ चोंच में तिनका लाता हुआ दिखाई दे तो ये उनकी प्रसन्नता का संकेत होता है. इस संकेत का अर्थ होता है कि जल्द ही आपको धन लाभ होने वाला है.
पितृ पक्ष में कौआ आपके द्वारा दिए भोजन को ग्रहण कर ले तो ये शुभ संकेत होता है. कहते हैं ऐसा तब होता है जब आपके पितर प्रसन्न हों. पितृ पक्ष में गाय और कौवे का एक साथ नजर आना भी पितरों की खुशी का संकेत माना जाता है.
मान्यता है कि सपने में अपने पितरों को हंसते और खुशहाल अवस्था में देखने का अर्थ होता है कि घर में सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी. पितरे जब प्रसन्न हों तब जीवन में शांति आती है.