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पठानकोट-मंडी फोरलेन: काम कितना अधूरा, कितना पूरा

पठानकोट-मंडी फोरलेन में विधानसभा क्षेत्र जवाली का भेडख़ड्ड से तखनयाड़ तक 13 किलोमीटर एरिया आता है तथा इसको दो फेज में बांटा गया है। पहले चरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, जबकि दूसरे फेज का कार्य भी अब जोरों-शोरों से चला हुआ है। पहले फेज में भेडख़ड्ड से सियूनी तक 9 किलोमीटर एरिया तथा द्वियीय फेज में सियूनी से तखनयाड़ तक चार किलोमीटर एरिया आता है। 13 किलोमीटर में 49 हेक्टेयर सरकारी व निजी भूमि आती है।

पहले चरण में बल्लाह, कैहरना उर्फ बिशनपुरा, सोलदा, नेरा, भरील, जांगल, नवांशहर, त्रिलोकपुर, सियूनी गांव के करीब 85 मकान फोरलेन की जद में आए, जबकि दूसरे चरण में भनियाडी, वोरका, चिचड़, तखन्याड़ गांव के 50 मकान फोरलेन की जद में आए हैं। पहले चरण में 37.65 हेक्टेयर जमीन आती है, जिसमें 31.71 हेक्टेयर सरकारी भूमि तथा 5.94 हेक्टेयर निजी भूमि आई है तथा इसका क्लेम 27 करोड़ बनता है, जिसमें 26.39 करोड़ क्लेम हो चुका है, जबकि लगभग एक करोड़ क्लेम शेष बचा है। यह वही क्लेम बचा है, जिसमें या तो कोर्ट केस चला हुआ है या फिर मालिकों का कोई पता नहीं लग पाया है। दूसरे चरण में 11.37 हेक्टेयर जमीन आती है, जिसमें 5.98 हेक्टेयर सरकारी जमीन व 5.39 हेक्टेयर निजी भूमि आई है। इसका क्लेम 9.16 करोड़ बनता है, जिसमें से 8.27 करोड़ रुपए क्लेम दिया जा चुका है। फोरलेन निर्माण में जुटी कंपनी ने पहले चरण का 90-95 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया है, जबकि दूसरे चरण कार्य का कार्य भी शुरू हो गया है। फोरलेन निर्माण में जुटी कंपनी द्वारा कार्य ज़ोरों-शोरों से किया जा रहा है, लेकिन बरसात को अब मात्र 10-15 दिन ही शेष बचे हैं, ऐसे में बरसात में त्रिलोकपुर में खिसक रही पहाडिय़ां यातायात में बाधा बन सकती हैं। फोरलेन निर्माण में जुटी कंपनी को चाहिए कि जिन जगहों पर भूस्खलन का खतरा है, वहां पर प्रोटेक्शन वॉल लगाई जाए ताकि मलबा मार्ग पर न पहुंच पाए।

एसडीएम जवाली विचित्र सिंह के बोल
एसडीएम जवाली विचित्र सिंह ने बताया कि जवाली डिवीजन के अधीन 13 किलोमीटर भाग फोरलेन में आया है, जिसमें से नौ किलोमीटर का कार्य पूरा होने को है, जबकि दूसरे चरण का कार्य भी शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों के मकान या जमीन इसकी जद में आए हैं, उनको क्लेम भी कर दिया गया है। अब वही क्लेम शेष बचा है, जिनका कोर्ट में केस चल रहा है या फिर कहीं मालिक का कोई पता नहीं चल पाया है। उन्होंने कहा कि फोरलेन कंपनी को लिंक मार्गों को बरसात से पहले-पहले दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि अगर फोरलेन बंद हो जाए, तो लिंक मार्गों से यातायात सुचारू चलता रहे।

एनएचएआई के डीजीएम तुषार सिंह के बोल
एनएचएआई के डीजीएम तुषार सिंह ने कहा कि पहले चरण का कार्य लगभग पूरा हो गया है, जबकि दूसरे चरण का कार्य चल रहा है। इस कार्य को वर्ष 2025 में पूरा होने का लक्ष्य रखा है।

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