कांग्रेस ने धर्मशाला नगर निगम चुनावों में भाजपा को बड़ा झटका दिया है 17 पार्षदों वाली नगर निगम में कांग्रेस के पास मात्र पांच पार्षद थे। फिर भी कांग्रेस नगर निगम पर कब्जा कर लिया, जबकि आठ पार्षदों वाली भारतीय जनता पार्टी मेयर बनाने से चूक गई। हालांकि वोटिंग से पहले भाजपा दो निर्दलीय पार्षदों के वोट के 10 वोटों का दावा कर रही थी लेकिन क्रॉस वोटिंग के कारण भाजपा का खेल बिगड़ गया। धर्मशाला नगर निगम में कांग्रेस की नीनू शर्मा मेयर चयनित हुई हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी की तजेंद्र कौर डिप्टी मेयर चुनी गई। मेयर के पद पर कांग्रेस और भाजपा कैंडिडेट को 9-9 वोट मिले। इसके बाद पर्ची सिस्टम से नीनू शर्मा मेयर बनी वही तजेंद्र कौर ने 10 वोट लेकर डिप्टी मेयर के पद को जीता ।
मेयर पद के लिए कांग्रेस की नीनू शर्मा और भाजपा की मोनिका पठानिया में मुकाबला हुआ। वहीं डिप्टी मेयर पद के लिए भाजपा की तजेंद्र कौर और कांग्रेस के अनुराग में मुकाबला हुआ। दोनों पदों के लिए मुकाबला टाई रहा और बाद में पर्ची से नए मेयर व डिप्टी मेयर का चयन किया गया।
धर्मशाला नगर निगम में कांग्रेस के लिए यह बड़ी जीत मानी जा रही है, जबकि भाजपा के लिए यह बड़ा झटका है। भाजपा ने पूर्व मंत्री विपिन सिंह परमार को धर्मशाला के लिए प्रभारी बना रखा था, वहीं कांग्रेस ने नगरोटा बगवां से विधायक आरएस बाली को धर्मशाला एमसी चुनाव का प्रभारी बनाया था। इस तरह आरएस बाली का कांगड़ा जिला में कद ऊंचा हुआ हैं।
मेयर बनने के बाद नीनू शर्मा ने कहा कि उनके दोस्तों ने पार्टी से ज्यादा दोस्ती का फर्ज निभाया है। उन्हें आज सुबह से ही पूरा भरोसा था, कि वह मेयर बनेगी और उनके दोस्त अपना वादा निभाएंगे। जब हाल के भीतर उनका नाम घोषित किया गया तभी से उन्हें विश्वास हो गया था कि आज मेरी जीत होगी।